Mp Nursing College Recognition 2025-26 हालात बहुत ख़राब मध्य प्रदेश में
नर्सिंग के हालात बहुत ख़राब मध्य प्रदेश में 2025-26 के मान्यता में :-
मध्यप्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता प्रक्रिया एक बार फिर सवालों के घेरे में है। 2025-26 शैक्षणिक सत्र के लिए जारी नई सूची में राज्य के केवल चार शासकीय नर्सिंग कॉलेजों को ही मान्यता दी गई है, जबकि सैकड़ों निजी नर्सिंग कॉलेजों को बिना किसी बड़ी आपत्ति के मंजूरी दे दी गई है। इस फैसले पर छात्र संगठन एनएसयूआई ने नर्सिंग काउंसिल की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
Government Nursing College को ही मुश्किल :-
इस सत्र में कुल 33 नए और 360 पुराने नर्सिंग कॉलेजों ने मान्यता के लिए आवेदन किया था, जिनमें 21 शासकीय कॉलेज भी शामिल थे। हैरानी की बात यह है कि इनमें से सिर्फ चार को ही स्वीकृति मिल सकी, जबकि भोपाल जैसे शहर के प्रतिष्ठित संस्थानों को भी बाहर कर दिया गया। इनमें भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (BMHRC) और पंडित खुशीलाल नर्सिंग कॉलेज जैसे संस्थान भी शामिल हैं।
Private Nursing College को राहत :-
इसके उलट, 231 GNM और 188 B.Sc नर्सिंग निजी कॉलेजों को मान्यता मिल गई। एनएसयूआई का आरोप है कि इनमें से कई कॉलेज न फेकल्टी के मानकों पर खरे उतरते हैं, न ही बुनियादी संसाधनों से लैस हैं, फिर भी इन्हें क्लीन चिट दे दी गई। संगठन का कहना है कि यह निर्णय न सिर्फ पक्षपातपूर्ण है बल्कि इससे नर्सिंग शिक्षा की गुणवत्ता भी प्रभावित होगी।
नए रजिस्ट्रार पर भी सवाल NSUI के उपाध्यक्ष द्वारा:-
एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने कहा कि एनएसयूआई ने शासकीय और निजी नर्सिंग कॉलेजों की फैकल्टी व अन्य गंभीर अनियमितताओं को लेकर नर्सिंग काउंसिल को विस्तृत शिकायतें सौंपी थीं। लेकिन हैरानी की बात है कि काउंसिल ने शासकीय नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता रोक दी और दूसरी ओर निजी कॉलेजों को अनियमितताओं और फर्जी फैकल्टी की शिकायतों के बावजूद मान्यता दे दी। यह सीधा-सीधा भेदभाव है। आखिर नर्सिंग काउंसिल के रजिस्ट्रार को निजी नर्सिंग कॉलेजों से इतना लगाव क्यों है। संगठन ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि इस मामले पर शीघ्र और कठोर कार्रवाई नहीं हुई, तो प्रदेशभर में चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा।