Medical Surgical Nursing Definition Notes, gnm second year medical Surgical Nursing Definition, medical terminology. GNM 2nd Year, bsc nursing.

Medical Surgical Nursing-I

Terminology or Definition 

(शब्दावली और परिभाषा)

GNM 2nd Year, Bsc Nursing Medical Surgical Nursing-I Terminology and Definition Notes. Medical Surgical Nursing Definition.

 

1. पीड़ाहारी (Analgesics)-

ये दर्द को कम करने वाली दवाएं होती हैं जैसे- एस्प्रिन आदि।

Analgesics-

These are pain reducing medicines like aspirin etc.

 

2. ज्वरनाशक (Antipyretics)-

ये बुखार को कम करने वाली दवाएं होती हैं जैसे- पैरासिटामॉल आदि।

Antipyretics-

These are medicines that reduce fever like paracetamol etc.

 

3. प्रतिजैविक (Antibiotics)-

ये दवाएं विभिन्न जीवित सूक्ष्मजीवों के उत्पाद एवं उनकी वृद्धि को रोकने एवं उन्हें नष्ट करने के लिए दी जाती हैं जैसे- penicillin, tetracycline आदि।

Antibiotics-

These medicines are given to stop and destroy the products and growth of various living microorganisms like penicillin, tetracycline etc.

 

4. संवेदनाहारी (Anaesthetics) –

यह संवेदनाओं को खत्म करने वाली दवाएं होती हैं जैसे- xylocaine आदि।

Anesthetics –

These are medicines that eliminate sensations like xylocaine etc.

 

5. प्रदाहरोधी (Anti inflammatory) –

यह शरीर में विभिन्न प्रकार के होने वाले प्रदाह को कम करने वाली दवाएं होती हैं जैसे- ibuprofen आदि।

Anti inflammatory –

These are medicines that reduce various types of inflammation in the body like ibuprofen etc.

 

6. स्कन्दनरोधी (Anticoagulant) –

यह रक्त के थक्के बनने की क्रिया को रोकने वाली या कम करने वाली दवाएं होती हैं जैसे- हीपेरिन (heparin) आदि।

Anticoagulant –

These are medicines that prevent or reduce the process of blood clotting such as heparin etc.

 

7. अम्लविरोधी (Antacid) –

यह आमाशयिक स्त्रावों में होने वाली क्रियाशीलता को कम करने वाली दवाएं होती हैं जैसे- एल्युमिनियम हाइड्रोक्साइड आदि।

Antacid –

These are medicines which reduce the activity of gastric secretions like aluminum hydroxide etc.

 

8. हिस्टेमाइनरोधी (Antihistamines) –

यह व्यक्ति में होने वाली एलर्जी से बचाव एवं उपचार करने वाली दवाएं होती हैं जैसे- avil आदि।

Antihistamines –

These are medicines which prevent and treat allergies in a person like avil etc.

 

9. आक्षेपरोधी (Anticonvulsants) –

यह आक्षेपों का उपचार करने वाली दवाएं होती हैं जैसे- Phenobarbitone आदि।

Anticonvulsants –

These are medicines to treat convulsions like Phenobarbitone etc.

 

10. कफरोधी (Antitussive) –

यह कफ (cough) को reflex कर अवरूद्ध करने वाली दवाएं होती हैं जैसे- कोडीन (codeine) आदि।

Antitussive –

These are medicines which block cough reflex like codeine etc.

 

11. दमारोधी (Antiasthmatic) –

यह दमा से आराम दिलाने वाली या दमा को कम करने वाली दवाएं होती हैं जैसे- साल्ब्यूटामोल (salbutamol) आदि।

Antiasthmatic –

These are medicines that provide relief from asthma or reduce asthma like salbutamol etc.

 

12. प्रतिकारक (Antidots)

यह शरीर में विष के प्रभावों को कम करने वाली दवाएं होती हैं जैसे- एन्टीडोट प्लस आदि।

Antidotes

These are medicines which reduce the effects of poison in the body like Antidote Plus etc.

 

13. यक्ष्मोरोधी (Antitubercular) –

यह तपेदिक का उपचार करने वाली दवाएं होती हैं तथा यह वमनरोधी भी कहलाती हैं जैसे- ethambutol आदि।

Antitubercular –

These are medicines that treat tuberculosis and are also called anti-emetics like ethambutol etc.

14. कवक रोधी (Antifungal) –

यह fungus की वृद्धि को कम करने वाली एवं उसे नष्ट करने वाली दवाएं होती हैं जैसे- nystatin आदि।

Antifungal –

These are medicines which reduce the growth of fungus and destroy it, like nystatin etc.

 

15. पूयरोधी (Antiseptic) –

यह जीवाणुओं की वृद्धि को रोकने वाली दवाएं होती हैं जैसे- सेवलोन (savlon) आदि।

Antiseptic –

These are medicines that stop the growth of bacteria like Savlon etc.

Medical Surgical Nursing-I, Definition 02

16. आक्षेपनाशक (Antispasmodic)
यह पेशियों की ऐंठनकारी पीड़ा को कम या नष्ट करने वाली दवाएं होती हैं जैसे- buscopan आदि।
Antispasmodic
These are medicines which reduce or eliminate the spasmodic pain of muscles like buscopan etc.

17. श्वसनी विस्तारक (Bronchodilator)
यह श्वसन नली की पेशियों एवं श्लेष्मा की ईडीमा घटाकर शिथिलन पैदा करने वाली दवाएं होती हैं जैसे- theophylline आदि।
Bronchodilator
These are medicines which reduce the edema of respiratory tract muscles and mucus and cause relaxation like theophylline etc.

18. आतंचक (Coagulants)
यह रक्त का थक्का बनाने में सहायता करने वाली दवाएं होती हैं।
Coagulants
These are medicines that help in forming blood clots.

19. विरेचक (Cathartic)
यह आँतों में से मल निकासी करने वाली दवाएं होती हैं जैसे- laxatives आदि।
Cathartic
These are medicines that remove stool from the intestines like laxatives etc.

20. कॉर्टिकोस्टेरॉइड (Corticosteroids) –
यह adrenal cortex के लिए प्रयोग में लाई जाने वाली दवाएं होती हैं।
Corticosteroids –
These are medicines used for adrenal cortex.

21. मूत्रवर्धक (Diuretics)
यह मूत्र प्रवाह में वृद्धि करने वाली दवाएं होती हैं जैसे- furosemide आदि।
Diuretics
These are medicines that increase urine flow like furosemide etc.

22. अपमार्जक (Detergent) –
यह एक प्रक्षालक या सफाई कारक पदार्थ होता है।
Detergent –
It is a sanitizer or cleaning agent.

23. वमनकारी (Emetics)
यह वमन या उल्टी उत्पन्न करने वाली दवाएं होती हैं जैसे- emetine आदि।
Emetics
These are medicines that cause emetic or vomiting like emetine etc.

24. कफोत्सारक (Expectorant)
यह श्वसन नली के स्त्रावों में वृद्धि तथा श्लेष्म को बलगम रूप में बाहर निकालने वाली दवाएं होती हैं जैसे- mucinex आदि।
Expectorant
These are medicines which increase the secretions of the respiratory tract and expel the mucus in the form of mucus like mucinex etc.

25. प्रशामक (Emollient)
यह पदार्थ त्वचा को मुलायम एवं मृदु बनाते हैं।
Emollient
These substances make the skin soft and supple.

26. निद्राकारी (Hypnotics)
यह निद्राकारी प्रभाव को उत्पन्न करने वाली दवाएं होती हैं जैसे- Lam Plus आदि।
Hypnotics
These are medicines that cause sleeping effect like Lam Plus etc.

27. रक्तचापरोधक (Hypotensive) –
यह रक्तचाप को कम करने वाली दवाएं होती हैं जैसे propranolal आदि।
Hypotensive –
These are blood pressure lowering medicines like propranolol etc.

28. तारा विस्तारक (Mydriatics)
यह पुतली (pupil) को फैलाने वाली दवाएं होती हैं।
Mydriatics
These are medicines that dilate the pupil.

29. तारा संकोचक (Mycotics)
यह पुतली (pupils) को संकुचित करने वाली दवाएं होती हैं जैसे- clotrimazole आदि।
Mycotics
These are medicines that constrict the pupils like clotrimazole etc.

30. मादक औषधियाँ (Narcotics)
यह व्यक्ति में तन्द्रा उत्पन्न करने वाली दवाएं होती हैं जैसे morphine, codeine आदि।
Narcotics
These are medicines that cause drowsiness in a person like morphine, codeine etc.

31. शामक (Sedatives) –
यह शारीरिक गतियों को कम करने वाली दवाएं होती हैं जैसे calmpose आदि।
Sedatives –
These are medicines that reduce physical movements like calmpose etc.

32. प्रशान्तक (Tranquilizers) –
यह औषधियों का एक समूह है जो तनाव, उत्तेजना एवं घबराहट आदि के लिए उपयोगी होती है जैसे- diazepam, alprazolam आदि।
Tranquilizers –
This is a group of medicines which are useful for stress, excitement and anxiety etc. like diazepam, alprazolam etc.

33. वाहिका विस्तारक (Vasodilators)
यह रक्त वाहिकाओं में फैलाव उत्पन्न करने वाली दवाएं होती हैं जैसे-hydralazine, nitroglycerine आदि।
Vasodilators
These are medicines that cause dilation of blood vessels like hydralazine, nitroglycerine etc.

34. वाहिका संकोचक (Vasoconstrictors)
यह रक्त वाहिकाओं को संकुचित करने वाली दवाएं होती हैं जैसे- vasopressin, epinephrine आदि।
Vasoconstrictors
These are medicines that constrict blood vessels like vasopressin, epinephrine etc.

35. मुख संक्रमण (Oral infection) –
मुखीय अंगों में रोग कारक जीवों के प्रवेश के कारण संक्रमण होना।
Oral infection –
Infection due to entry of disease causing organisms into the oral organs.

36. पेरोटाइटिस (Parotitis) –
Parotid gland का inflammation पेरोटाइटिस कहलाता है।
Parotitis –
Inflammation of parotid gland is called parotitis.

37. स्टोमेटाइटिस (Stomatitis)
मुखीय म्यूकोसा का प्रदाह (Inflammation of oral mucosa)।
Stomatitis
Inflammation of oral mucosa.

38. फेरिंजाइटिस (Pharyngitis)
ग्रसनी का प्रदाह होना (Inflammation of the pharynx)।
Pharyngitis
Inflammation of the pharynx.

38. ग्लोसाइटिस (Glossitis)
जीभ का प्रदाह होना (Inflammation of tongue)।
Glossitis
Inflammation of tongue.

Medical Surgical Nursing-I, Definition 03

39.लिवर सिरोसिस (Liver Cirrhosis)
यह यकृत का एक रोग है जिसमें लिवर का अधिकांश हिपेटोसाइट (hepatocyte) नष्ट हो जाता है एवं उनके स्थान पर फाइबर ऊतक एवं कठोर तन्तु ऊतक जमा होने से यकृत ठोस, कड़ा, निर्जीव एवं कार्यहीन हो जाता है।

This is a disease of the liver in which most of the hepatocytes of the liver are destroyed and due to accumulation of fiber tissue and hard fibrous tissue in their place, the liver becomes solid, hard, lifeless and useless.

40. कोलीलिथियासिस (Cholelithiasis)
पित्ताशय में पथरी का निर्माण होना, कोलीलिथियासिस कहलाता है।

(Formation of calculus or stone in the gall bladder is known as cholelithiasis).

41. डायबिटीज मैलिट्स या मधुमेह (Diabetes Mellitus)
डायबिटीज मैलीटस (मधुमेह) एक chronic metabolic disease है जोकि शरीर में अग्नाशय (pancreas) की बीटा कोशिकाओं (B-cells) के द्वारा स्रवित होने वाले insulin hormones के hyposecretion के कारण होती है। इसमें रक्त में ग्लूकोज की मात्रा सामान्य से अधिक हो जाती है एवं मूत्र के साथ भी उत्सर्जित होने लगती है।
Diabetes mellitus is a chronic metabolic disease caused by hyposecretion of insulin hormones secreted by the beta cells of the pancreas in the body. In this, the amount of glucose in the blood becomes more than normal and starts being excreted with urine.

42. गुर्दा प्रत्यारोपण (Kidney Transplantation) –
गुर्दा प्रत्यारोपण एक प्रकार की शल्यक्रिया होती है, जब रोगी की किडनी हमेशा के लिए सामान्य रूप से कार्य करना बंद कर देती है तो ऐसे रोगी में स्वस्थ किडनी प्रत्यारोपित की जाती है। स्वस्थ किडनी जीवित या मृत दाता से प्राप्त की जाती है।
Kidney transplantation is a type of surgery in which a healthy kidney is transplanted into the patient when his kidney permanently stops functioning normally. A healthy kidney is obtained from a living or deceased donor.

43. लिथोट्रिप्सी (Lithotripsy)
इसमें लेजर किरणों को shock waves के रूप में प्रयोग किया जाता है एवं renal stone पर आघात किया जाता है जिससे stone टूटकर बिखर जाता है एवं मूत्र के साथ शरीर से बाहर निकल जाता है।
In this, laser rays are used in the form of shock waves and the renal stone is attacked due to which the stone breaks and gets thrown out of the body with urine.

44. सिस्टोस्कोपी (Cystoscopy)
• जब पथरी urinary bladder या urethra में हो तो मूत्र द्वार के रास्ते में कैमरा युक्त scope अन्दर डाला जाता है एवं stone को पकड़कर बाहर निकाल लिया जाता है।
• When the stone is in the urinary bladder or urethra, a scope with a camera is inserted through the urethra and the stone is caught and taken out.

45. बी.पी.एच (Benign Prostate Hypertrophy)
यह एक रोग है जिसमें पुरुष की प्रोस्टेट ग्रन्थि का आकार अधिक बड़ा हो जाता है जिसके कारण मूत्र मार्ग अवरूद्ध हो जाता है।
This is a disease in which the size of the prostate gland of a man becomes larger due to which the urinary tract gets blocked.

46. स्ट्रोक (Stroke)
स्ट्रोक एक ऐसी अवस्था है जिसमें रोगी के मस्तिष्क में होने वाली रक्त प्रवाह में अचानक रूकावट के कारण ₂ की कमी हो जाती है जिससे मस्तिष्क के ऊत्तक नष्ट होने लगते हैं एवं मस्तिष्क की सामान्य कार्यक्षमता प्रभावित हो जाती है।
Stroke is a condition in which due to sudden obstruction in the blood flow in the brain of the patient, there is a deficiency of ₂ due to which the brain tissue starts getting destroyed and the normal functioning of the brain gets affected.

47.बर्गर रोग (Buerger’s Disease)
यह एक ऐसा रोग है जिसमें छोटी एवं मध्यम आकार की धमनियों (arteries) में प्रदाह होने से वहाँ lesion एवं thrombus निर्माण हो जाता है जिससे प्रभावित अंग को रक्त प्रवाह कम हो जाता है। इसे thromboanagiitis obliterans भी कहते हैं।
This is a disease in which inflammation in small and medium sized arteries leads to lesion and thrombus formation, which reduces blood flow to the affected organ. It is also called thromboangiitis obliterans.

48. मिर्गी (Epilepsy)
मिर्गी एक neurological disorder है जिसमें मस्तिष्क में neurons में असामान्य electrical discharge के कारण बार-बार दौरे (seizure) आते हैं।
Epilepsy is a neurological disorder in which repeated seizures occur due to abnormal electrical discharges in neurons in the brain.

49. बवासीर (Haemorrhoids) –
मलाशय या गुदा की रक्त वाहिकाओं का बाहर की ओर फूलना एवं लम्बाई में वृद्धि होना बवासीर कहलाता है।
The swelling and increase in length of the blood vessels of the rectum or anus outwards is called piles.

50. लम्बर पंक्चर (Lumbar puncture)
लंबर पंक्चर एक प्रक्रिया है जिसमें स्पाइन के लम्बर सबएरेक्नॉयड स्पेस (lumbar sub arachnoid space) में एक सुई प्रविष्ट कराकर सेरिब्रोस्पाइनल फ्लूड (Cerebro Spinal Fluid, C.S.F.) निकाला जाता है। इसका उपयोग रोग के निदान हेतू व उपचारार्थ उद्देश्य हेतू किया जाता है।
Lumbar puncture is a procedure in which cerebrospinal fluid (C.S.F.) is removed by inserting a needle into the lumbar subarachnoid space of the spine. It is used for diagnosis and treatment of diseases.

51. ज्वरनाशक (Antipyretic)
ये दवाएँ बुखार को कम करने हेतु उपयोग की जाती हैं जैसे- पैरासीटामोल आदि।
These medicines are used to reduce fever like paracetamol etc.

52. स्त्राव रोधक (Astringent) –
ये दवाएँ ऊतकों का सकुंचन करती हैं एवं स्त्राव को रोकने में मदद करती हैं जैसे- एट्रोपिन आदि।
These medicines contract the tissues and help in stopping the secretion like atropine etc.

53.एनस्थीसिया (Anaesthesia)
रोगी को किसी भी प्रकार की सर्जरी से पूर्व दवाओं के माध्यम से loss of sensation वाली स्थिति उत्पन्न करना एनस्थीसिया (anaesthesia) कहलाता है। इसके लिए उपयोग में ली जाने वाली दवाईयां एनस्थेटिक एजेन्ट (anaesthetic agent) कहलाती हैं।
Anaesthesia
Creating a state of loss of sensation in a patient through medicines before any type of surgery is called anaesthesia. The medicines used for this are called anaesthesia agents.

54.स्थानीय एनस्थीसिया (Local Anaesthesia)
शरीर के जिस भाग को सुन्न करना होता है स्थानीय एनेस्थीसिया वहाँ लगाए जाते हैं। यह शरीर के सीमित क्षेत्र को प्रभावित करते हैं। Local anaesthesia agent उस क्षेत्र की peripheral nerves को ब्लॉक कर देता है।
Local Anaesthesia
Local anaesthesia is applied to the part of the body that needs to be numbed. It affects a limited area of the body. Local anaesthesia agent blocks the peripheral nerves of that area.

55.जनरल एनस्थीसिया (General Anaesthesia)
जब रोगी के सम्पूर्ण शरीर को संवेदन विहीन करना हो तो रोगी को बेहोश किया जाता है इसे general anaesthesia कहते हैं।

General Anaesthesia
When the entire body of the patient needs to be made insensitive, the patient is made unconscious, this is called general anaesthesia.

56.स्पाइनल एनस्थीसिया (Spinal Anaesthesia) –
इसमें anaesthetic agent को लम्बर क्षेत्र (lumbar area) के sub-arachnoid space में प्रविष्ट किया जाता है जिससे पैर, पैरीनियम तथा निचले उदर में loss of sensation उत्पन्न हो जाता है।
Diaphragm के निचले स्तर पर की जाने वाली लगभग सभी शल्य क्रियाओं में spinal anaesthesia का उपयोग किया जाता है।
Spinal Anaesthesia –
In this, anaesthetic agent is inserted into the sub-arachnoid space of the lumbar region, which causes loss of sensation in the legs, perineum and lower abdomen.
Spinal anaesthesia is used in almost all surgeries performed at the lower level of the diaphragm.

57.क्रोनिक ब्रोन्काइटिस (Chronic Bronchitis)
ब्रोन्काई का दीर्घकालीन इनफ्लामेशन (chronic inflammation of the bronchi) ब्रोन्काइटिस कहलाता है।
काफी लम्बे समय से दिन के अधिकांश समय खाँसी उठना तथा श्वसन नलिका में प्रदाह होना chronic bronchitis होने की संभावना को प्रदर्शित करता है।
Chronic Bronchitis
Chronic inflammation of the bronchi is called bronchitis.
Coughing most of the time during the day for a long time and inflammation in the respiratory tract indicates the possibility of chronic bronchitis.

58.एम्फाइसेमा (Emphysema) –
यह एक chronic pulmonary disease है जिसमें lung alveoli का असामान्य विस्तारण (abnormal dilatation) हो जाता है।
Emphysema –
This is a chronic pulmonary disease in which there is abnormal dilatation of the lung alveoli.

59.क्षय रोग या तपेदिक (Pulmonary Tuberculosis or T.B.)
क्षय रोग एक संक्रामक रोग है जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस जीवाणु द्वारा फैलता है एवं मुख्य रूप से व्यक्ति के फफड़ों को प्रभावित करता है।
Pulmonary Tuberculosis or T.B.
Tuberculosis is an infectious disease that spreads through Mycobacterium tuberculosis bacteria and mainly affects the lungs of a person.

60.एम्फाइमा (Empyema)
प्लूरल केविटी (pleural cavity) में मवाद (pus) एवं अपघटित ऊतकों (necrotic tissue) का जमाव होना empyema कहलाता है।
Empyema
Accumulation of pus and necrotic tissue in the pleural cavity is called empyema.

61.गैस्ट्राइटिस (Gastritis) –
आमाशय की श्लेष्मा कला का इन्फ्लामेशन गैस्ट्राइटिस कहलाता है।
Gastritis –
Inflammation of the mucous membrane of the stomach is called gastritis.

62.एक्यूट गैस्ट्राइटिस (Acute Gastritis)-
गैस्ट्रिक म्यूकोसा का अचानक inflammation होना एवं अचानक लक्षण प्रकट होना acute gastritis कहलाता है। यह कम समयावधि के लिए होती है।
Acute Gastritis –
Sudden inflammation of the gastric mucosa and sudden appearance of symptoms is called acute gastritis. It occurs for a short period of time.

63.क्रोनिक गैस्ट्राइटिस (Chronic Gastritis)
गैस्ट्रिक म्यूकोसा का दीर्घकालीन inflammation होना chronic gastritis कहलाता है। यह लम्बे समय तक रहती है।
Chronic Gastritis
Long-term inflammation of the gastric mucosa is called chronic gastritis. It lasts for a long time.

64.पेप्टिक अल्सर (Peptic Ulcer)
ग्रसनी, आमाशय एवं अग्रांत की mucous membrane का क्षतिग्रस्त होना एवं घाव बनना peptic ulcer कहलाता है। यह घाव आहार नली की musculoris mucosa तक गहरे हो सकते हैं।
Peptic Ulcer
Damage and formation of wounds in the mucous membrane of pharynx, stomach and foregut is called peptic ulcer. These wounds can be as deep as the muscularis mucosa of the food pipe.

65.अपेन्डिसाइटिस (Appendicitis)
छोटी आंत एवं बड़ी आंत के संयोजक स्थल पर पाए जाने वाले vermiform appendix में प्रदाह होना एपेन्डिसाइटिस कहलाता है।
Appendicitis
Inflammation in the vermiform appendix found at the junction of small intestine and large intestine is called appendicitis.

66.डायलिसित्त (Dialysis) –
यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके द्वारा शरीर से अपशिष्ट पदार्थों (waste products) को दाब एवं विसरण द्वारा बाहर निकाला जाता है।
Dialysis –
This is a process by which waste products are removed from the body by pressure and diffusion.

67.प्रदाह (Inflammation)
यह जीवित ऊतकों की किसी चोट या संक्रमण के दौरान होने वाली स्थानीय प्रतिक्रिया है जो कि सुरक्षात्मक प्रकृति की होती है। शरीर के विभिन्न अंगों में होने वाली प्रदाही स्थितियों को अनुलग्न (suffix) – आइटिस (-itis) जोड़कर लिखा जाता है।
Inflammation
This is a local reaction of living tissues during any injury or infection which is of protective nature. Inflammatory conditions occurring in various parts of the body are written by adding the suffix -itis.

68.कार्डियोजेनिक शॉक (Cardiogenic Shock) –
हृदय की बीमारी, चोट, मायोकॉर्डियल इन्फार्कशन के कारण शरीर को रक्त प्रवाह की कमी होने से उत्पन्न होने वाला शॉक कार्डियोजेनिक शॉक कहलाता है।
Cardiogenic Shock –
Shock caused due to lack of blood flow to the body due to heart disease, injury, myocardial infarction is called cardiogenic shock.

69.हाइपोवोलेमिक शॉक (Hypovolemic Shock) –
किसी भी कारण से शरीर में से अत्यधिक मात्रा में तरल या रक्त स्त्राव होने के कारण से उत्पन्न होने वाला शॉक हाइपोवोलेमिक शॉक कहलाता है।
Hypovolemic Shock –
Shock caused due to excessive fluid or blood loss from the body due to any reason is called hypovolemic shock.

70.एनाफायलेक्टिक शॉक (Anaphylactic Shock) –
किसी भी गम्भीर एलर्जिक रिएक्शन (allergic reaction) के फलस्वरूप उत्पन्न होने वाला शॉक एनाफायलेक्टिक शॉक (anaphylactic shock) कहलाता है।
Anaphylactic Shock –
Shock caused as a result of any severe allergic reaction is called anaphylactic shock.

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