GNM first year, ANM, Bsc Nursing For All States Nursing Exams Community Health Nursing GNM first year definition and Terminology.

   Community Health Nursing -I, Definition and Terminology ( परिभाषा और शब्दावली )

GNM first year, ANM, Bsc Nursing For All States Nursing Exams Community Health Nursing GNM first year definition and Terminology.

1. स्वास्थ्य (Health) –

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार स्वास्थ्य सम्पूर्ण शारीरिक, मानसिक और सामाजिक कल्याण की स्थिति है, रोग या अशक्तता की अनुपस्थिति मात्र नहीं।

Health –

According to the World Health Organization (WHO), health is a state of complete physical, mental and social well-being and not merely the absence of disease or disability.

 

2.सामुदायिक स्वास्थ्य (Community Health) –

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार सामुदायिक स्वास्थ्य से तात्पर्य समुदाय के सदस्यों की स्वास्थ्य स्थिति, उनके स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाली समस्याएँ एवं समुदाय में उपलब्ध स्वास्थ्य के प्रति देखभाल की समग्रता से है अर्थात् सामुदायिक स्वास्थ्य (i) निरोधात्मक (preventive), (ii) उपचारात्मक (curative), और (iii) स्वास्थ्यवर्धक (promotive) सेवाओं का एकीकरण है।

Community Health –

According to the World Health Organization (WHO), community health refers to the health status of community members, the problems affecting their health and the totality of health care available in the community, i.e. community health is (i) preventive, ( ii) curative, and (iii) promotive services.

 

3. सामुदायिक स्वास्थ्य नर्स (Community Health Nurse) –

सामुदायिक स्वास्थ्य नर्स वह नर्स है जो समुदाय में व्यक्तियों और परिवारों को स्वास्थ्य शिक्षा एवं सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रत्यक्ष एवं सर्वाधिक संबंधित है।

Community Health Nurse –

The community health nurse is the nurse who is most directly and directly concerned with providing health education and services to individuals and families in the community.

 

4. प्रतिरक्षा (Immunity) –

शरीर के रोग उत्पन्न करने वाले कारकों अर्थात् एन्टीजन्स को पहचानने तथा नष्ट करने की क्षमता ही रोग प्रतिरोधकता या प्रतिरक्षा (immunity) कहलाती है अर्थात् रोग प्रतिरोधक क्षमता वह क्षमता है जो व्यक्ति को रोगों से बचाती है।

Immunity –

The body’s ability to recognize and destroy disease-causing factors, i.e. antigens, is called immunity, that is, immunity is the ability that protects a person from diseases.

5. प्रतिरक्षण (Immunization) –

शरीर में किसी प्रतिरक्षक कारक जैसे वैक्सीन, इम्युनोग्लोब्यूलिन आदि प्रविष्ट कर कुछ विशिष्ट रोगों के प्रति रोग प्रतिरोधकता उत्पन्न करना प्रतिरक्षण (immunization) कहलाता है।

Immunization –

Generating immunity against some specific diseases by introducing any immune factor like vaccine, immunoglobulin etc. into the body is called immunization.

 

6. शीत श्रृंखला (Cold Chain) –

टीके को प्रभावी बनाए रखने के लिए निर्माण स्थल से लेकर टीका स्थल तक इन्हें उचित तापमान पर परिवहन एवं भण्डारण किया जाना चाहिए अन्यथा ये अपनी रोग प्रतिरोधकता उत्पन्न करने की क्षमता खो देते हैं।

टीकों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखने के लिए ही शीत श्रृंखला का उपयोग किया जाता है।

शीत श्रृंखला को बनाए रखने के लिए उपयोग किए जाने वाले यंत्र के तापक्रम की जाँच आवश्यक है तथा शीत श्रृंखला को बनाए रखने हेतु स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का उपर्युक्त मार्गदर्शन व प्रशिक्षण आवश्यक है।

Cold Chain –

To keep vaccines effective, they must be transported and stored at appropriate temperatures from the manufacturing site to the vaccination site, otherwise they lose their ability to generate immunity.

Cold chain is used to maintain the immunity of vaccines.

It is necessary to check the temperature of the equipment used to maintain the cold chain and the above mentioned guidance and training of health workers is necessary to maintain the cold chain.

 

7. परिवार नियोजन (Family Planning) –

गर्भनिरोधक साधन को उपयोग में लाकर अनचाही गर्भावस्था से बचना ही परिवार नियोजन कहलाता है। परिवार नियोजन का अर्थ अनचाहे गर्भ से मुक्ति पाना भी है।

Family Planning –

Avoiding unwanted pregnancy by using contraceptive means is called family planning. Family planning also means getting rid of unwanted pregnancy.

 

8. श्रव्य दृश्य साधन (Audio-Visual Aids)

श्रव्य दृश्य वह उपाय है जो सम्पूर्ण त्रिकोणीय अधिगम प्रक्रिया में सहायता करते हैं जिनके द्वारा शिक्षक एक से अधिक संवेदी माध्यमों का उपयोग और सिद्धांतों की स्थापना, स्पष्टता, संबंध, व्याख्या व मूल्यांकन हेतु करता है।

 

Audio-Visual Aids

Audiovisual is a means that helps in the entire triangular learning process through which the teacher uses more than one sensory medium to establish, clarify, relate, explain and evaluate the principles.

 

9. न्यूट्रिशन (Nutrition) –

Nutrition शब्द की उत्पत्ति nourish शब्द से हुई है, जिसका अर्थ ‘व्यक्ति द्वारा किया गया आहार है जोकि व्यक्ति की शारीरिक वृद्धि तथा शारीरिक कार्यों हेतु आवश्यक ऊर्जा की आपूर्ति का कार्य करता है।’

Nutrition –

The word nutrition is derived from the word nourish, which means ‘the food taken by a person which works to supply the energy necessary for the physical growth and physical functions of the person.’

 

10. प्रोटीन (Protein) –

सर्वप्रथम मुल्डर द्वारा 1838 में जन्तुओं व वनस्पति में उपस्थित नाइट्रोजन बहुल जैविक पदार्थ को प्रोटीन का नाम दिया गया।

मनुष्य शरीर में लगभग 20% भाग प्रोटीन का होता है। ये जीवन की प्रक्रियाओं के लिए बहुत आवश्यक तत्व हैं।

प्रोटीन एक प्रकार के कोलाइड्स होते हैं अर्थात् ये विलयक में घुलते हैं लेकिन फिर भी अत्यन्त सूक्ष्मकणों के रूप में उपस्थित रहते हैं।

Protein – Protein’s named nitrogen biological substances present in the three and a vegetation in 1838, the name of the protein was named.

The human beings are about 20% part protein in the body.

These are very essential elements for the procedures of life. Proteins are a type of colloys, that is, dipped in

the advice, but still present in the form of very subtle.

11.साफ और स्वच्छ कुआँ (Sanitary or Ideal Well) –

वह कुआँ आदर्श माना जाता है जो अच्छी तरह से उपर्युक्त स्थल पर निर्मित हो व जल आपूर्ति के लिए पूर्ण रूप से स्वास्थ्यकर व सुरक्षित हो।

That well is considered ideal which is well constructed at the above mentioned place and is completely healthy and safe for water supply.

 

12.पृथक्करण (Isolation) –

संक्रामक रोगों से पीड़ित रोगी को अन्य लोगों से अलग रखना ही पृथक्करण कहलाता है। पृथक्करण का उद्देश्य रोग को फैलने से रोकना है। पृथक्करण की अवधि रोग विशेष पर निर्भर करती है।

Keeping a patient suffering from infectious diseases separate from other people is called isolation. The purpose of isolation is to prevent the spread of disease. The period of isolation depends on the specific disease.

 

13.शिक परीक्षण (Schick Test) –

यह एक इन्ट्राडर्मल परीक्षण होता है जिसमें शिक परीक्षण टॉक्सिन की 0.1 मात्रा का उपयोग किया जाता है। यह टॉक्सिन व्यक्ति की निचली भुजा में इंजेक्ट किया जाता है।

इसी टॉक्सिन की ताप द्वारा निष्क्रिय की गई 0.1 मि.ली. मात्रा विपरीत भुजा में इन्जेक्ट की जाती है, परीक्षण के परिणाम का अध्ययन चौथे दिन किया जाता है।

यह परीक्षण व्यक्ति में डिप्थीरिया के विरुद्ध रोग प्रतिरोधक क्षमता की मौजूदगी को जाँचने के लिए किया जाता है।

This is an intradermal test in which 0.1 volume of Schick’s test toxin is used. This toxin is injected into the person’s lower arm. 0.1 ml of this toxin was inactivated by heat. The quantity is injected into the opposite arm, the test results are studied on the fourth day. This test is done to check the presence of immunity against diphtheria in a person.

14.पल्स पोलियो प्रोग्राम (Pulse Polio Programme) –

पोलियो के देश से उन्मूलन के लिए भारत सरकार ने सन् 1995 में पल्स पोलियो प्रतिरक्षण का कार्यक्रम शुरू किया।

पहले पल्स पोलियो प्रतिरक्षण में 3 वर्ष से कम उम्र वाले सभी बच्चों को शामिल किया गया, चाहे वो पहले प्रतिरक्षित किए गए हों या नहीं। बाद में WHO अनुशंसा पर निर्णय लिया गया कि 3 वर्ष से कम उम्र वाले आयु वर्ग की अपेक्षा 5 वर्ष से कम उम्र वाले सभी बच्चे सम्मिलित किए जाए।

To eradicate polio from the country, the Government of India started the Pulse Polio Immunization Program in 1995.

The first pulse polio immunization included all children under 3 years of age, whether or not they had been previously immunized. Later, it was decided on WHO recommendation that all children below 5 years of age should be included instead of the age group below 3 years.

 

15.वाहक (Carrier) –

ऐसा जंतु अथवा व्यक्ति जो रोगाणु अथवा जीवाणु का स्रोत होता है एवं स्वयं सामान्य होता है व रोग के लक्षणों से मुक्त होता है वाहक (कैरियर) कहलाता है।

An animal or person which is the source of a germ or bacteria and is itself normal and free from symptoms of the disease is called a carrier.

 

16. संक्रामक रोग (Communicable Disease) –

ऐसे रोग जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष तरीके से संचारित होते हैं संक्रामक रोग कहलाते हैं। इनका कारण विभिन्न प्रकार के संक्रमण, जीवाणु व विषाणु इत्यादि होते हैं।

Diseases which are transmitted from one person to another directly or indirectly are called infectious diseases. These are caused by various types of infections, bacteria and viruses etc.

17.लक्ष्य दंपत्ति टारगेट कपल (Target Couple) –

यह परिवार नियोजन कल्याण का एक महत्वपूर्ण घटक है।

टारगेट कपल ऐसे दंपत्ति होते हैं जो नवविवाहित हैं अथवा जिनकी एक संतान है ताकि उन्हें परिवार नियोजन कार्यक्रम में शामिल किया जा सके जिससे उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार आए।

लक्षित किए गए दंपत्तियों को परिवार नियोजन के विभिन्न लाभ समझाए जाते हैं जैसे- शैक्षणि व रोजगार अवसरों में वृद्धि, आर्थिक संप्रभुता, बच्चे के जन्म के विषय में स्वतंत्रता आदि।

It is an important component of family planning welfare.

Target couples are couples who are newly married or have a child so that they can be included in the family planning program to improve their quality of life.

Various benefits of family planning are explained to the targeted couples such as increased educational and employment opportunities, economic sovereignty, freedom regarding child birth etc.

 

18.सीवेज (Sewage)

विभिन्न वाणिज्यिक, आवासीय व उद्योगों से निकलने वाले व्यर्थ जल व मानव मल-मूत्र – (जल-मल) को सीवेज कहते हैं। सीवेज में रोगजनक जीवाणु, विषाणु, प्रोटोजोओ, कृमि परजीवी व इनके अंडे होते हैं। अतः इनका स्वच्छ व उचित तरीके से निपटारा करना चाहिए।

The waste water and human excreta coming out of various commercial, residential and industries are called sewage. Sewage contains pathogenic bacteria, viruses, protozoa, worm parasites and their eggs. Therefore, they should be disposed of in a clean and proper manner.

 

19.अंडर फाइव क्लीनिक (Under Five Clinic) –

अंडर फाइव क्लीनिक पाँच वर्ष तक के बच्चों की स्वास्थ्य देखभाल से संबंधित होते हैं। इस क्लीनिक के द्वारा पाँच वर्ष तक के बच्चों को नैदानिक, उपचारात्मक तथा रक्षात्मक प्रकार की स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाती हैं।

Under-five clinics deal with health care of children up to five years of age. Through this clinic, diagnostic, curative and preventive health services are provided to children up to five years of age.

 

20.स्कूल स्वास्थ्य सेवाएं (School Health Services) –

स्कूल स्वास्थ्य सेवा सामुदायिक स्वास्थ्य का महत्वपूर्ण आयाम है जिसमें स्कूल जाने वाले बच्चों की संपूर्ण देखभाल तथा कल्याण की भावना शामिल हैं।

School health service is an important dimension of community health which includes the overall care and well-being of school going children.

 

21.गृह मुलाकात (Home Visit) –

एक सामुदायिक स्वास्थ्य नर्स द्वारा घर-घर जाकर जन-समुदाय की स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं एवं आवश्यकताओं का पता लगाना तथा उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान करना, गृह मुलाकात कहलाता है।

Going door to door by a community health nurse to find out the health related problems and needs of the community and providing them necessary guidelines is called home visit.

 

22.क्लीनिक (Clinic) –

क्लीनिक संस्था तथा सरकार या ट्रस्ट के द्वारा संचालित किया जाता है। क्लीनिक वह स्थान है जहाँ रोगी चिकित्सा तथा आवश्यक सलाह हेतु जाता है और उपचार के बाद वापस चला जाता है। यहाँ रात्रि में मरीज को भर्ती नहीं किया जाता।

The clinic is run by the organization and government or trust. Clinic is the place where the patient goes for medical treatment and necessary advice and returns after the treatment. Patients are not admitted here at night.

 

23.रैफरल प्रणाली (Referral System) –

रैफरल प्रणाली वह होती है जिसके द्वारा रोगी को उसके जैविक चिन्हों को बनाए रखते हुए उचित सुविधायुक्त स्वास्थ्य केन्द्र पर भेजा जाना है।

Referral system is one by which the patient is to be sent to a health center with appropriate facilities while maintaining his biological characteristics.

 

24.स्थायी आदेश (Standing Order) –

स्थायी आदेश वे निर्देश होते हैं जोकि सामुदायिक स्वास्थ्य नर्स को चिकित्सक की अनुपस्थिति में रोगी के उपचार हेतु अधिकाधिक चिकित्सक द्वारा प्रदान किए जाते हैं।

Standing orders are those instructions given to the community health nurse by the attending physician for the treatment of the patient in the absence of the physician.

 

25. कचरा (Waste) –

अनुपयोगी पदार्थ कचरा कहलाता है। कचरे में सड़कों, सार्वजनिक स्थलों, घरों से निकलने वाला कचरा, जैसे- फल व सब्जियों के टुकड़े, बचा हुआ खाद्य पदार्थ, कपड़ों के टुकड़े, टूटे-फूटे औजार, लकड़ी के टुकड़े, पोलीथीन, आदि ठोस कचरे के उदाहरण हैं।

Unusable material is called garbage. Waste generated from roads, public places, houses, such as pieces of fruits and vegetables, leftover food items, pieces of clothes, broken tools, pieces of wood, polythene, etc. are examples of solid waste.

 

26. पाटना (Dumping) –

यह कचरे के निस्तारण की एक सरल विधि है, इसमें नियंत्रित कचरे को गहरी जगहों में भर दिया जाता है जिससे ये एकत्रित कचरा धीरे-धीरे सड़-गल कर खाद में परिवर्तित हो जाता है। ये कृषि के लिए उपयोगी होता है तथा लगातार कचरा डालने से निचले क्षेत्र समतल हो जाते हैं।

This is a simple method of waste disposal, in which controlled waste is filled in deep places due to which the collected waste slowly decomposes and gets converted into compost. It is useful for agriculture and due to continuous dumping of garbage the low lying areas become flat.

 

27. जलाना (Incineration) –

कचरे को जलाना निस्तारण की एक सामान्य विधि है, ऐसा स्थान जहाँ कचरे को एकत्र करने की सुविधा हो उपयुक्त होता है। कचरे को जलाने के लिए इनसिनरेटर्स का उपयोग किया जाता है।

Burning of waste is a common method of disposal, a place where there are facilities for collecting waste is suitable. Incinerators are used to burn waste.

28.एपिडेमियोलोजी (Epidemiology)

मानव जनसंख्या में स्वास्थ्य संबंधित स्थितियों एवं घटनाओं के वितरण एवं निर्धारक तत्वों के अध्ययन तथा स्वास्थ्य समस्याओं के नियंत्रण में किए जाने वाले प्रयास और ज्ञान का अनुप्रयोग एपिडेमियोलोजी कहलाता है।

The study of the distribution and determinants of health related conditions and events in human population and the application of knowledge and efforts made in the control of health problems is called epidemiology.

29.पूर्व लक्षण अवधि (Prodromal Period)

किसी रोग की प्रारम्भिक अवस्था से संबंधित काल या समय को पूर्व लक्षण अवधि कहते हैं। इस अवस्था में व्यक्ति के शरीर में लक्षण प्रकट हो जाते हैं, परंतु लक्षण अस्पष्ट होने के कारण बीमारी का निदान कर पाना मुश्किल होता है, इस अवस्था की अवधि 1-4 दिन होती है।

The period or time related to the initial stage of a disease is called the prodromal period. In this stage, symptoms appear in the body of the person, but due to vague symptoms, it is difficult to diagnose the disease, the duration of this stage is 1-4 days.

30.फेस्टीजियम अवधि (Fastigium Period)-

यह रोग की चरम अवस्था होती है जिसमें रोगी में रोग के लक्षण स्पष्ट होते हैं, इस अवस्था में रोग का निदान कर पाना सम्भव हो जाता है बीमार व्यक्ति की गतिविधियाँ इस अवस्था में प्रभावित होती है।

This is the extreme stage of the disease in which the symptoms of the disease are clear in the patient, it becomes possible to diagnose the disease in this stage. The activities of the sick person are affected in this stage.

31.डेफरवेसन्स (Defervescence) –

इस अवस्था में रोगी में प्रतिरक्षा क्षमता उत्पन्न होने लगती है। लक्षणों की गम्भीरता कम होने लगती है। उसकी स्थिति में सुधार आता है तथा रोगी अच्छा महसूस करने लगता है।

In this stage, immunity starts developing in the patient. The severity of the symptoms starts decreasing. His condition improves and the patient starts feeling better.

32.कोन्वलेसन्स (Convalescence)

यह किसी रोग की समाप्ति के पश्चात पूर्ण स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने में लगने वाला समय अंतराल है। इस अवस्था में रोगी की स्थिति में तेजी से सुधार होता है।

This is the time interval taken to get complete health benefits after the end of a disease. In this stage, the patient’s condition improves rapidly.

33.डिफेक्शन (Defection) –

इस अवस्था में रोग के लक्षण समाप्त हो जाते हैं तथा रोगी पूर्णतः स्वस्थ हो जाता है।

In this stage, the symptoms of the disease disappear and the patient becomes completely healthy.

34.बिन्दुक/ड्रॉपलेट संक्रमण (Droplet Infection) – 

श्वसन संक्रमण वाले व्यक्ति के छींकने, खाँसने, बोलने से भी लाखों जीवाणु लार से आस-पास के वातावरण में उड़ जाते हैं तथा सामान्य श्वसन प्रक्रिया के दौरान एक सामान्य व्यक्ति द्वारा अंतःश्वसित कर लिए जाते हैं, इसे बिन्दुक संक्रमण कहते हैं। जुकाम, क्षय, कुकर खाँसी आदि इसके उदाहरण हैं।

Even when a person with respiratory infection sneezes, coughs or speaks, millions of bacteria fly into the surrounding environment through saliva and are inhaled by a normal person during the normal respiratory process, this is called droplet infection. Cold, tuberculosis, whooping cough etc. are examples of this.

35.टीकाकरण (Vaccination) –

टीका, रोगकारक या उसके विषैले उत्पादन मृत सूक्ष्म जीव, उन जीव विषों का सम्पाक (preparation) है, जिसे संक्रामक रोगों की रोकथाम या उनकी चिकित्सा के लिए शरीर में प्रविष्ट किया जाता है, टीका या वैक्सीन (vaccine) कहलाता है।

Vaccination is a preparation of the pathogen or its toxic products, dead microbes, those toxins, which is introduced into the body for the prevention or treatment of infectious diseases, is called vaccine.

 36.एन्टीसीरम (Antiserum) – 

एन्टीसीरम डिफ्थीरिया, टिटेनस, रैबीज, सर्पदंश, गैस गैंग्रीन संक्रमण के विरुद्ध घोड़े जैसे पशु स्त्रोतों से तैयार की जाती हैं। मानव इम्युनोग्लोबुलिन की अनुपस्थिति या अनुपलब्धता की स्थिति में उपरोक्त रोगों के निरोध और उपचार में एन्टीसीरम का उपयोग होता है। एन्टीसीरम देते समय एनाफिलेक्टिक आघात के खतरे से बचने की सावधानी रखनी चाहिए।

Antiserum is prepared from animal sources like horses against diphtheria, tetanus, rabies, snakebite, gas gangrene infection. In the absence or unavailability of human immunoglobulin, antiserum is used in the prevention and treatment of the above diseases. While giving antiserum, care should be taken to avoid the risk of anaphylactic shock.

37.संगामी विसंक्रमण (Concurrent Disinfection) 

संक्रमित व्यक्ति के शरीर से संक्रमित पदार्थ के उत्सर्जन, जैसे- मल-मूत्र, कफ, उल्टी, घाव से निकले स्त्राव या संक्रमित उत्सर्जनों द्वारा दूषित वस्तुएं, बर्तन, उपकरण, कपड़े आदि को यथाशीघ्र विसंक्रमित उपायों द्वारा विसंक्रमण कर देना संगामी विसंक्रमण कहलाता है।

Disinfection of objects, utensils, equipment, clothes etc. contaminated by the excretion of infected substance from the body of an infected person, such as feces, urine, phlegm, vomit, discharge from the wound or infected excretion, as soon as possible by disinfectant measures is called concurrent disinfection.

38.अंतिम विसंक्रमण (Terminal Disinfection) 

मरीज की अस्पताल से छु‌ट्टी हो जाने, रैफर किए जाने अथवा मृत्यु हो जाने पर उसके उपयोग में लिए गए सभी उपकरण, कपड़े, बर्तन, बिस्तर आदि का विसंक्रमण करना, अंतिम विसंक्रमण कहलाता है।

When a patient is discharged from the hospital, referred or dies, the disinfection of all the equipment, clothes, utensils, bedding etc. used by him is called terminal disinfection.

39.रोग निरोधक विसंक्रमण (Prophylactic Disinfection) –

इस प्रकार का विसंक्रमण रोग निरोधन हेतु किया जाता है, जल को उबालना, दूध का pasteurization (आंशिक निर्जीवीकरण), साबुन से हाथ धोना, रोग निरोधक विसंक्रमण के उदाहरण हैं। इसमें पोलियो, हिपेटाइटिस-ए, टायफाइड, दस्त रोग, अमीबारुगणता (amebiasis) आदि से बचा जा सकता है।

This type of disinfection is done for disease prevention. Boiling water, pasteurization of milk (partial sterilization), washing hands with soap are examples of preventive disinfection. Polio, hepatitis-A, typhoid, diarrhea, amebiasis etc. can be prevented in this.

40.महामारी (Epidemic) –

संक्रामक रोगों, स्वास्थ्य संबंधी व्यवहार अथवा अन्य स्वास्थ्य संबंधी घटनाओं का किसी समुदाय, क्षेत्र, देश अथवा विश्व में अचानक अधिक संख्या में पाया जाना महामारी कहलाता है।

The sudden occurrence of infectious diseases, health-related behavior or other health-related events in large numbers in a community, region, country or the world is called an epidemic.

41.स्थानिकमारी (Endemic) –

किसी स्थान विशेष पर वहां के निवासियों में अचानक बड़ी संख्या में रोग के लक्षण दिखाई देना स्थानिकमारी कहलाता है।

Endemic –

The sudden appearance of disease symptoms in large numbers among the residents of a particular place is called endemic.

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