GNM 3rd Year Midwifery Gynaecology Definition and Terminology For All States GNM, ANM and Bsc Nursing students

आप सभी नर्सिंग छात्र छात्राओं को एक नए पोस्ट में स्वागत हैं जिसमे आज आप सभी को GNM 3rd Year Midwifery Gynaecology Definition देखने को मिलेगा। ये नीचे दिए गए नोट्स सभी राज्यों के लिए महत्त्वपूर्ण है। ये ANM, Bsc Nursing और GNM 3rd Year Midwifery Gynaecology Definition and Terminology में पढ़ना हैं।

     Midwifery and Gynaecological Nursing Definition and Terminology

 

1. प्रसूति विज्ञान (Midwifery or Obstetrics) –

प्रसूति विज्ञान चिकित्सा विज्ञान की एक महत्वपूर्ण शाखा होती है।

प्रजनन काल में होने वाली जटिलताओं का गर्भ पूर्व, गर्भावस्था में, प्रसव के समय एवं प्रसव के पश्चात एवं महिला व शिशु की देखभाल करने तथा स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करते हेतु प्रशिक्षित करने की कला या विज्ञान को ही प्रसूति विज्ञान अथवा मिडवाइफरी कहते हैं।

Obstetrics is an important branch of medical science.

The art or science of taking care of the complications occurring in the reproductive period, pre-conception, during pregnancy, at the time of delivery and after delivery and training the woman and the child and providing health services is called Obstetrics or Midwifery.

 

2.गर्भाशय (Uterus) –

एक महिला के गर्भाशय की आकृति उल्टी नाशपाती जैसी होती है। यह श्रोणि गुहा में मूत्राशय के पीछे व मलाशय के आगे स्थित होता है, यह एक भ्रूण शिशु को रखने वाला खोखला (cavity) माँसपेशी द्वारा निर्मित स्त्रियों का अंग है।

The shape of a woman’s uterus is like an inverted pear. It is located in the pelvic cavity behind the urinary bladder and in front of the rectum. It is a female organ made up of hollow muscles and a hollow cavity that houses a fetus.

 

3. मासिक स्त्राव (Menstruation) –

एक स्वस्थ युवती को प्रथम मासिक स्त्राव या रजोदर्शन से लेकर सम्पूर्ण प्रजनन काल में गर्भाशय से म्यूकस (श्लेष्मा) एवं अन्य पदार्थों से मिश्रित रक्तस्त्राव प्रत्येक 28 दिनों के अन्तर पर होता है, यह स्त्राव 3 से 5 दिन तक होता है।

यह प्रक्रिया 12 से 16 वर्ष की आयु से लेकर 45 से 50 वर्ष की आयु तक प्रत्येक महीने होती है।

एक मासिक चक्र (menstrual cycle) 28 दिन का बनता है। यह प्रक्रिया 4 अवस्थाओं में पूर्ण होती है।

A healthy girl experiences bleeding from the uterus mixed with mucus and other substances every 28 days, from the first menstrual flow or menstruation to the entire reproductive period, this discharge lasts for 3 to 5 days.

This process occurs every month from age 12 to 16 until age 45 to 50.

A menstrual cycle is made up of 28 days. This process is completed in 4 stages.

 

4. स्त्री पैल्विस (Female pelvis) –

श्रोणि अस्थि कंकाल (skeleton) के मध्य में रीढ़ की हड्डी के सामने की ओर अस्थियों से निर्मित तसला की आकृति के समान एक रचना होती है जो धड़ से टाँगों को जोड़ती है। मिडवाइफरी में स्त्री की श्रोणि का अधिक महत्व रहता है।

In the middle of the pelvic skeleton, in front of the spine, there is a saucer-shaped structure made of bones that connects the legs to the torso. In midwifery, a woman’s pelvis has more importance.

 

5. अपरा (Placenta) –

अपरा गर्भावस्था काल में गर्भाशय में स्थित एक अण्डाकार अथवा चक्रिकाम (discord) स्पंजी संरचना रहती है, जो गर्भाशय में माँ एवं भ्रूण को आपस में जोड़ती है।

अपरा को गर्भनाल भी कहते हैं, इसके द्वारा भ्रूण अपना पोषण ग्रहण करता है व आवश्यक तत्वों का आदान-प्रदान करता है।

यह choriodecidual रचना है जो गर्भाशय की भित्ति और नाभि द्वारा भ्रूण से जुड़ी रहती है।

During pregnancy, the placenta is an oval or discordant spongy structure located in the uterus, which connects the mother and the fetus in the uterus.

Placenta is also called umbilical cord, through it the fetus receives its nutrition and exchanges essential elements.

It is a choriodecidual structure that remains attached to the uterine wall and the embryo by the umbilical cord.

 

6. पतनिका (Decidua)

गर्भावस्था के समय में गर्भाशय (uterus) की वाहिकीय आंतरिक श्लेष्मिक झिल्ली (mucosa) endometrium में रहती है, इसी को गर्भावस्था के समय decidua कहते हैं।

During pregnancy, the vascular inner mucous membrane (mucosa) of the uterus remains in the endometrium, this is called decidua during pregnancy.

 

7. निषेचन (Fertilization)

मानव में नर के शुक्राणु (sperm) तथा स्त्री के अण्डाणु (ovum) के मिलने के फलस्वरूप युग्मनज (zygote) के निर्माण को ही निषेचन (fertilization) कहते हैं।

In humans, the formation of a zygote as a result of the union of male sperm and female ovum is called fertilization.

 

8. गर्भोदक द्रव या उल्व द्रव (Amniotic Fluid or Liquor Amni) –

Foetal sac अथवा amniotic cavity में भ्रूण के चारों ओर एक द्रव भरा रहता है जिसको गोदक (liquor amnii or amniotic fluid) कहते हैं।

माँ के गर्भाशय की इसी गुहा में भ्रूण सुरक्षित तैरता रहता है।

गर्भोदक एक पानी के समान द्रव होता है जो amniotic cavity में भ्रूण के चारों ओर भरा रहता है।

इसका रंग सुनहरी मटमैला (straw-coloured) व क्षारीय होता है। इसकी specific gravity लगभग 1.010 रहती है, इसका pH मान 7.2 होता है।

The fetal sac or amniotic cavity is filled with a fluid around the fetus which is called liquor amnii or amniotic fluid.

The fetus floats safely in this cavity of the mother’s uterus.

Amniotic fluid is a watery fluid that surrounds the fetus in the amniotic cavity.

Its color is golden straw-coloured and alkaline. Its specific gravity is approximately 1.010, its pH value is 7.2.

 

9. गर्भस्पंदन (Quickening) –

गर्भवती महिला द्वारा गर्भ में पल रहे शिशु की हलचल को अनुभव करना गर्भस्पंदन कहलाता है। इस हलचल को गर्भावस्था के 16-20वें सप्ताह के बीच महिला अनुभव करती है।

Feeling the movements of the baby in the womb by a pregnant woman is called pregnancy pulsation. A woman experiences this movement between the 16-20th week of pregnancy.

 

10. योनि चिन्ह (Vagina Sign) –

योनि की दीवारें गहरे रंग की हो जाती है। Cervix नीले रंग का हो जाता है व योनि स्त्राव बढ़ जाता है जिसमें म्यूकस अधिक रहता है।

The walls of the vagina become dark in color. Cervix becomes blue in color and vaginal discharge increases which contains more mucus.

11. सूतिकावस्था (Puerperium) –
सूतिकावस्था शिशु जन्म व अपरा निष्कासन के पश्चात की वह 6 सप्ताह की अवधि होती है जिसमें महिला के जनन अंग विशेष रूप से श्रोणि के अंग वापस गर्भावस्था के पूर्ण वाली स्थिति में लौट आते हैं।
Measles is the 6-week period after childbirth and expulsion of the placenta in which the woman’s reproductive organs, especially the pelvic organs, return to their normal state during pregnancy.

12. एड्स (AIDS) –
एड्स का पूरा नाम Acquired Immuno Deficiency Syndrome होता है। यह एक अत्यधिक गंभीर संक्रामक बीमारी है जो कि एच.आई.वी. (Human Immuno Deficiency) वायरस के द्वारा फैलती है। HIV संक्रमण एक प्रगतिशील (Progressive) संक्रमण होता है जिसके कारण संक्रमित व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता धीरे-धीरे कम होती जाती है।
The full name of AIDS is Acquired Immuno Deficiency Syndrome. This is a very serious infectious disease which is similar to HIV. (Human Immuno Deficiency) is spread by viruses. HIV infection is a progressive infection due to which the immunity of the infected person gradually decreases.

13.लोचिया (Lochia) –
यह शिशु जन्म के पश्चात का गर्भाशयी स्त्राव (post-partum uterine discharge) होता है, जो योनि से निकलता है। यह स्त्राव सूतिकावस्था के प्रथम तीन से चार सप्ताह तक निकलता है। लोचिया या सूतिकास्त्राव में रक्त तथा नष्ट पतनिका (decidua) के ऊतक रहते हैं। इस स्त्राव में तीव्र बदबू (odour) रहती है।
This is post-partum uterine discharge, which comes out from the vagina. This secretion comes out for the first three to four weeks of the ovum. Lochia or vaginal discharge contains blood and tissues of destroyed decidua. This discharge has a strong odor.

14.गर्भनिरोधक (Contraception) –
गर्भनिरोधक का अर्थ अनचाहे गर्भ से मुक्ति पाना है। ऐसे साधन जो महिला को अनचाही गर्भावस्था से बचाने हेतु उपयोग में लाए जाते हैं, गर्भनिरोधक साधन कहलाते हैं।
Contraception means getting rid of unwanted pregnancy. Such means which are used to protect a woman from unwanted pregnancy are called contraceptive means.

15.गर्भपात (Abortion) –
स्वतंत्र रूप से जीवित रहने में असमर्थ गर्भस्थ भ्रूण (fetus) जिसका वजन 500 ग्राम या इससे कम हो का गर्भाशय से स्वतः या प्रेरित विधि द्वारा गर्भाशय से बाहर निकल जाना ही गर्भपात कहलाता है।
Abortion is the spontaneous or induced expulsion of a fetus, whose weight is 500 grams or less, from the uterus, unable to survive independently, from the uterus.

16.रजनोवृत्ति (Menopause) –
प्रत्येक स्त्री के 45-55 वर्ष की आयु व प्रजनन काल की समाप्ति पर अण्डाशय (ovary) में oestrogen तथा progesterone हार्मोन की अनियमितता तथा कमी आ जाती है, जिसके कारण से ovary में डिम्बोत्सर्जन (ovulation) एवं उसकी सक्रियता में कमी आ जाती है, परिणामस्वरूप मासिक धर्म स्थायी रूप से कमी आ जाती हैं।
At the age of 45-55 years of every woman and at the end of reproductive period, there is irregularity and deficiency of estrogen and progesterone hormones in the ovary, due to which ovulation and its activity in the ovary decreases. As a result menstruation is permanently reduced.

17.प्रसवपूर्व रक्तस्त्राव (Antepartum Haemorrhage, A.P.H.) –
शिशु के जन्म से पहले अथवा गर्भावस्था के 28वें सप्ताह के पश्चात जनन मार्ग (birth canal) से होने वाले रक्तस्त्राव को ही प्रसवपूर्व रक्तस्त्राव (Antepartum Haemorrhage) कहते हैं। प्रसव की प्रथम अवस्था एवं द्वितीय अवस्था में भी होने वाला रक्तस्त्राव antepartum haemorrhage ही कहलाता है।
Bleeding from the birth canal before the birth of the baby or after the 28th week of pregnancy is called antepartum haemorrhage. Bleeding that occurs during the first and second stages of labor is called antepartum haemorrhage.

18.सम्मुख अपरा (Placenta Praevia) –
आमतौर पर गर्भावस्था के समय placenta गर्भाशय के ऊपरी भाग में आरोपित होता है लेकिन किसी परिस्थिति में अपरा (placenta) गर्भाशय के निचले भाग में पूर्ण या आंशिक रूप से आरोपित हो जाता है तथा cervix के internal OS को आंशिक या पूर्ण रूप से ढँक (cover) देता है तो इसी अवस्था को प्लासेण्टा प्रीविया (placenta praevia) कहते हैं।
Generally, during pregnancy, the placenta is implanted in the upper part of the uterus, but in some circumstances, the placenta gets completely or partially implanted in the lower part of the uterus and partially or completely covers the internal OS of the cervix. ) then this condition is called placenta praevia.

19.अपरा पृथक्करण (Placental Abruption)
यह वह असामान्य स्थिति है जिसमें अपरा (placenta) का आरोपण तो गर्भाशय के ऊपरी भाग में सामान्य रूप से होता है परन्तु गर्भस्थ शिशु के जन्म से पहले ही इसका premature पृथक्करण हो जाता है, अतः इसको दुर्घटनात्मक रक्तस्त्राव भी कहते हैं।
This is an abnormal condition in which the placenta implants normally in the upper part of the uterus but its premature separation occurs before the birth of the fetus, hence it is also called accidental bleeding.

20.प्री-एक्लैम्पसिया (Pre-eclampsia) –
प्री-एक्लैम्पसिया late pregnancy का रोग होता है, इसे प्रेग्नेन्सी इन्ड्यूस्ड हाइपरटेंशन (Pregnancy Induced Hypertension) भी कहते हैं।
Pre-eclampsia is a disease of late pregnancy, it is also called pregnancy induced hypertension.

21.एक्लेम्पसिया (Eclampsia)
यह रोग प्री-एक्लेम्पीसिया की बढ़ी हुई गंभीर अवस्था होती है। इसमें pre- eclampsia के लक्षणों के साथ में दौरे (convulsions) व अचेतना (coma) की स्थिति भी सम्मिलित हो जाती है इसलिए इसे toxaemia of pregnancy भी कहते हैं।
This disease is an increased severe stage of pre-eclampsia. In this, along with the symptoms of pre-eclampsia, seizures and unconsciousness (coma) are also included, hence it is also called toxaemia of pregnancy.

22.अस्थानिक गर्भधारण (Ectopic Pregnancy) –
एक ऐसी आसामान्य स्थिति जिसमें निषेचित डिम्ब (ovum) का आरोपण एवं विकास गर्भाशय गुहा के बाहर होता है अस्थानिक गर्भधारण (Ectopic Pregnancy) कहलाता है। इसे extrauterine pregnancy भी कहते हैं। अस्थानिक गर्भधारण में निषेचित डिम्ब सामान्यतः फैलोपियन ट्यूब में आरोपित हो जाती हैं।
Ectopic Pregnancy –
An abnormal condition in which the implantation and development of the fertilized ovum occurs outside the uterine cavity is called ectopic pregnancy. It is also called extrauterine pregnancy. In an ectopic pregnancy, the fertilized egg usually implants in the fallopian tube.

23. नसबंदी (Vasectomy)

• यह male sterilization की विधि है जिसमें दोनों vas deferens को काट दिया जाता है एवं काटे हुए सिरों को बाँध दिया जाता है।

Vasectomy

• This is a method of male sterilization in which both vas deferens are cut and the cut ends are tied.

24. डिम्बवाही-छेदन (Tubectomy) –

यह स्त्रियों की स्थायी गर्भनिरोधक की सबसे प्रचलित विधि है। इसमें fallopian tubes को सर्जरी द्वारा काट दिया जाता है।

Tubectomy – This is the most popular method of permanent contraception for women. In this, the fallopian tubes are cut by surgery.

 

25. अंडर फाइव क्लीनिक (Under Five Clinic)

अंडर फाइव क्लीनिक पाँच वर्ष तक के बच्चों की स्वास्थ्य देखभाल से संबंधित होते हैं। इस क्लीनिक के द्वारा पाँच वर्ष तक के बच्चों को नैदानिक, उपचारात्मक तथा रक्षात्मक प्रकार की स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाती हैं।

Under Five Clinic

Under Five Clinics are related to the health care of children up to five years of age. This clinic provides diagnostic, therapeutic and preventive health services to children up to five years of age.

 

26. पश्च परिपक्वता (Post Maturity)

प्रसव की सम्भावित दिनाँक के दो सप्ताह बाद तक भी गर्भावस्था जारी रहती है अर्थात प्रसव प्रारम्भ नहीं होता है तो इस स्थिति को पश्च परिपक्वता (post maturity) कहते हैं।

Post Maturity

If the pregnancy continues even after two weeks of the expected date of delivery, that is, if delivery does not start, then this condition is called post maturity.

 

27. हाइड्राम्नियोज (Hydramnios)

यह एक असामान्य स्थिति होती है जिसमें गर्भावस्था में भ्रूण के चारों ओर एम्नियोटिक द्रव की मात्रा अत्यधिक हो जाती है। 1% गर्भावस्था के मामलों में ऐसी स्थिति होती है। इसे पॉलीहाइड्राम्नियोज (polyhydramnios) अथवा एम्नियोटिक फ्लड डिसऑर्डर (amniotic fluid disorder) भी कहते हैं।

Hydramnios

This is an abnormal condition in which the amount of amniotic fluid around the fetus becomes excessive during pregnancy. This condition occurs in 1% of pregnancy cases. It is also called polyhydramnios or amniotic fluid disorder.

 

28.ऑलिगोहाइड्राम्नियोज (Oligohydramnios)

गर्भ समापन के समय अथवा गर्भावस्था के 32वें सप्ताह के निकट गर्भ में एम्नियोटिक द्रव की मात्रा 400 ml या इससे भी कम हो जाती है तो यह स्थिति ऑलिगोहाइड्राम्नियोज कहलाती है।

Oligohydramnios

If the amount of amniotic fluid in the womb decreases to 400 ml or less at the time of termination of pregnancy or near the 32nd week of pregnancy, then this condition is called oligohydramnios.

 

29.गर्भावस्था में अत्यधिक उल्टियाँ (Hyperemesis Gravidarum)

गर्भावस्था में होने वाली गंभीर उल्टियां जिसके कारण महिला अपनी दैनिक क्रियाओं को सुचारु ढंग से कर नहीं पाती है। इन उल्टियों से महिला में इलैक्ट्रोलाइट एवं द्रव असंतुलन एवं वजन कम हो जाता है।

Hyperemesis Gravidarum

Severe vomiting during pregnancy due to which the woman is unable to carry out her daily activities properly. These vomitings cause electrolyte and fluid imbalance and weight loss in the woman.

 

30.अंतः गर्भाशयी वृद्धि अवरोध (Intrauterine Growth Restriction, IUGR) –

शिशु में सामान्य से कम वृद्धि होना अंतः गर्भाशयी वृद्धि अवरोध कहलाता है।

Intrauterine Growth Restriction (IUGR) –

Less than normal growth in the baby is called intrauterine growth restriction.

 

31.अंतः गर्भाशयी मृत्यु (Intrauterine Death) –

गर्भावस्था के 28वें सप्ताह के बाद भ्रूण की मृत्यु को अंतः गर्भाशयी मृत्यु कहते हैं।

Intrauterine Death –

Death of the fetus after the 28th week of pregnancy is called intrauterine death.

 

32.उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था (High Risk Pregnancy)

गर्भावस्था में ऐसी जटिलताएं विद्यमान होना जिनसे गर्भवती स्त्री या गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता हो अथवा दोनों के जीवन के लिए प्राणघातक हो उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था कहलाती है।

 

High Risk Pregnancy

The presence of such complications in pregnancy which have a negative impact on the health of the pregnant woman or the fetus or are fatal for the life of both is called high risk pregnancy.

 

33. एल्डरली प्रिमीग्रैविडा (Elderly Primigravida) –

किसी स्त्री द्वारा 35 वर्ष या इससे अधिक आयु में प्रथम बार गर्भधारण करना Elderly Primigravida कहलाता है।

Elderly Primigravida – A woman getting pregnant for the first time at the age of 35 years or more is called Elderly Primigravida.

 

34.टीनेज गर्भावस्था (Teenage Pregnancy) –

यदि कोई स्त्री 18 वर्ष से कम की आयु में गर्भधारण कर लेती है तो इसको adolescent pregnancy अथवा teenage pregnancy कहते हैं।

Teenage Pregnancy – If a woman conceives at the age of less than 18 years, then it is called adolescent pregnancy or teenage pregnancy.

 

35.बहु-गर्भावस्था (Multiple Pregnancy) –

गर्भावस्था की वह अवस्था जब गर्भित गर्भाशय में दो या दो से अधिक भ्रूणों (foetuses) का विकास होता है बहु-गर्भावस्था (multiple pregnancy) कहलाती है।

Multiple Pregnancy – The stage of pregnancy when two or more foetuses develop in the pregnant uterus is called multiple pregnancy.

 

36.जुड़वाँ गर्भावस्था (Twins Pregnancy) –

गर्भावस्था की वह अवस्था जब गर्भित गर्भाशय में दो भ्रूणों (foetus) का विकास होता है जुड़वाँ गर्भावस्था (multiple pregnancy) कहलाती है।

Twins Pregnancy –

The stage of pregnancy when two foetus develop in the pregnant uterus is called multiple pregnancy.

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