प्रिय नर्सिंग छात्र छात्राओं आप सभी नर्सिंग GNM के सभी नर्सिंग छात्र छात्राओं को आज के इस पोस्ट में आप सभी के लिए महत्त्वपूर्ण Fundamental of Nursing Definition GNM 1st Year, Bsc Nursing, ANM For All States.
1. स्वास्थ्य (Health)
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation, W.H.O.) के अनुसार स्वास्थ्य पूरी तरह से शारीरिक, मानसिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक तंदरूस्ती की स्थिति है, केवल रोग या बीमारी का अभाव नही।
Health
According to the World Health Organization (W.H.O.), health is a state of complete physical, mental, social and spiritual well-being, not merely the absence of disease or illness.
2. नर्सिंग (Nursing) –
नर्सिंग नर्स के द्वारा किया जाने वाला एक अनुपम कार्य है अर्थात् व्यक्ति (स्वस्थ या अस्वस्थ) के उन क्रियाओं को सम्पन्न करने में सहायता करना है जो उसके स्वास्थ्य की पुनः प्राप्ति में या शांतिपूर्ण मृत्यु में योगदान देती हैं एवं जिन क्रियाओं को वह इच्छाशक्ति, ज्ञान एवं बिना किसी की सहायता से स्वयं सम्पन्न करती है।
Nursing –
Nursing is a unique work done by the nurse, that is, to help the person (healthy or unhealthy) to perform those activities which contribute to his recovery of health or peaceful death and those activities for which he has the will power, knowledge. And completes it herself without anyone’s help.
3. व्यवसायिक नर्स (Professional Nurse) –
व्यवसायिक नर्स वह होती है जिसने किसी मान्यता प्राप्त नर्सिंग स्कूल या कॉलेज से डिग्री अथवा डिप्लोमा प्राप्त किया हो एवं सम्बन्धित नर्सिंग कॉंसिल से रजिस्टर्ड हो।
Professional Nurse –
A professional nurse is one who has obtained a degree or diploma from a recognized nursing school or college and is registered with the concerned Nursing Council.
4. रोग (Illness) –
बीमारी या अस्वस्थता एक ऐसी अवस्था है जिसमें शरीर या शरीर के किसी भी अंग को कार्य करने में बाधा उत्पन्न होती है।
Illness –
Illness or illness is a condition in which the functioning of the body or any part of the body is hindered.
5. नर्सिंग प्रक्रिया (Nursing Process) –
नर्सिंग प्रक्रिया एक क्रमबद्ध प्रक्रिया है। जिसके अंतर्गत रोगी के स्वास्थ्य का मूल्यांकन करना, रोगी की सेवा की योजना बनाना, उसके बाद सेवा को रोगी पर लागू करना और उसके प्रभाव का मूल्यांकन करना शामिल है।
Nursing Process –
The nursing process is a systematic process. Which includes assessing the patient’s health, planning the patient’s service, then implementing the service on the patient and evaluating its impact.
6. रिकॉर्ड (Record) –
रिकॉर्ड रोगी से संबंधित मूल आंकडे लेने का एक लिखित दस्तावेज होता है।
रिकॉर्डस वे रजिस्टर, डायरियाँ या फाइलें होती हैं जिसमें मरीज को अस्पतालों में दी जाने वाली चिकित्सा सेवा एवं परीक्षण का लिखित वर्णन होता है एवं यह कानूनी दस्तावेज होते हैं जो रोगी के दाखिले से निकास तक उपयोग में लाए जाते हैं।
Record –
A record is a written document capturing basic data related to a patient.
Records are registers, diaries or files that contain written descriptions of the medical services and tests given to a patient in hospitals and are legal documents used from the patient’s admission to his/her exit.
7. रिपोर्ट (Report)
किसी मरीज को प्रदान की जा रही स्वास्थ्य देखभाल के संबंध में स्वास्थ्य कर्मियों (नर्स या अन्य सदस्यों) के मध्य सूचनाओं का आदान-प्रदान रिपोर्ट कहलाती है तथा यह प्रक्रिया रिर्पोटिंग कहलाती है। यह मौखिक या लिखित दोनों ही रूप से प्रस्तुत की जा सकती है।
Report
The exchange of information between health workers (nurses or other members) regarding the health care provided to a patient is called reports and this process is called reporting. It can be presented both orally or in written form.
8. बिस्तरी घाव/दाब व्रण/शय्या व्रण (Bed sore/Pressure sore/ Decubitus ulcer) –
किसी व्यक्ति या मरीज के लम्बे समय तक बिस्तर पर लेटे रहने या कुर्सी पर बैठे रहने से या फिर एक ही स्थिति में बने रहने से उसके शरीर के कुछ ऊतक क्षेत्रों पर दबाव पड़ने के कारण उन अंगों की ओर रक्त संचार कम हो जाता है जिससे ऊतकों की क्षति (necrosis) हो जाती है और वहाँ घाव बन जाते हैं।
इस तरह होने वाले घावों को दाब व्रण, बिस्तर व्रण या बिस्तरी घाव कहते हैं। इन्हें शय्या व्रण (decubitus ulcer) भी कहा जाता है।
Bed sore/Pressure sore/Decubitus ulcer –
When a person or patient lies on the bed or sits on a chair for a long time or remains in the same position, due to pressure on some tissue areas of his body, the blood circulation towards those organs gets reduced due to which the tissues get damaged. Necrosis occurs and wounds are formed there.
Wounds occurring in this manner are called pressure ulcers, bed ulcers or bed sores. These are also called decubitus ulcers.
9. प्रतिरक्षण (Immunization) –
शरीर में वैक्सीन (vaccine), इम्यूनोग्लोबुलीन (immunoglobulin) या ऐन्टीसीरम (antiserum) प्रविष्ट कर किसी विशिष्ट रोग के प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न करना प्रतिरक्षण (immunization) कहलाता है।
Immunization –
Generating immunity against a specific disease by introducing vaccine, immunoglobulin or antiserum into the body is called immunization.
10. जैविक चिन्ह (Vital Sign) –
शरीर का तापमान (temperature), नाड़ी (pulse), श्वसन (respiration) एवं रक्तचाप को जैविक चिन्ह कहा जाता है क्योंकि इनका नियंत्रण शरीर के जैविक अंगों (vital organ) जैसे हृदय, मस्तिष्क गुर्दों आदि के द्वारा होता है।
Vital Sign –
Body temperature, pulse, respiration and blood pressure are called biological signs because they are controlled by the vital organs of the body like heart, brain, kidneys etc.
11.तापमान (Temperature) –
शरीर की ऊष्मा को इकाई के रूप में अभिव्यक्त करना ही तापमान है। (Temperature is the degree of body heat). शरीर के तापमान के नियंत्रण का केन्द्र हाइपोथैलेमस (hypothalamus) होता है। सामान्य अवस्था में शरीर का तापमान 98.6°F (37° C) होता है।
Expressing body heat as a unit is temperature. (Temperature is the degree of body heat). The center of control of body temperature is the hypothalamus. In normal condition the body temperature is 98.6°F (37° C).
12.नाड़ी (Pulse) –
रक्तपरिसंचरण के लिये जब हृदय का बायां निलय (left ventricle) संकुचित होता है तब रक्त तरंग, धमनी में से बलपूर्वक गुजरती है जिसके कारण धमनी में बारी-बारी से उठाव (expansion) तथा पतन (recoil or fall) होता है अतः धमनी के इस एकान्तरित उठाव व पतन को नाड़ी (pulse) कहते हैं।
When the left ventricle of the heart contracts for blood circulation, then the blood wave passes forcefully through the artery, due to which there is alternate rise (expansion) and fall (recoil or fall) in the artery, hence this part of the artery The alternate rise and fall is called pulse.
13.रक्तचाप (Blood Pressure) –
रक्त वाहिनियों (blood vessels) में बहने वाले रक्त द्वारा रक्त वाहिनियों की दीवारों पर लगाए जाने वाले दबाव को रक्तचाप कहते हैं।
The pressure exerted on the walls of blood vessels by the blood flowing in the blood vessels is called blood pressure.
14.प्राथमिक सहायता (First Aid) –
चिकित्सीय मदद आने या अस्पताल ले जाने से पहले बीमार या घायल व्यक्ति को दी जाने वाली तत्काल चिकित्सा को ही प्राथमिक सहायता कहते हैं। यह सहायता किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा दी जाती है जिसे प्राथमिक चिकित्सा का ज्ञान हो।
First aid is the immediate treatment given to a sick or injured person before medical help arrives or he is taken to the hospital. This assistance is given by someone who has knowledge of first aid.
15.पार संक्रमण (Cross infection) –
संक्रमित व्यक्तियों द्वारा एक दूसरे को संचारित संक्रमण।
Infection transmitted by infected persons to each other.
16.सूक्ष्मबिन्दु संक्रमण (Droplet infection) –
सूक्ष्म संक्रमित कणों द्वारा जैसे- नाक से छींकने द्वारा, मुख से थूकने द्वारा फैलने वाला संक्रमण।
Infection spread by microscopic infected particles such as by sneezing from the nose or spitting from the mouth.
17.वाहक (Carrier) –
वह व्यक्ति जो अपने शरीर में बीमारी के रोगाणुओं को धारण करता है परन्तु उसमें उस बीमारी के चिन्ह व लक्षण प्रकट व दिखाई नहीं देते।
A person who carries the germs of a disease in his body but the signs and symptoms of that disease are not visible.
18.जीवाणु रहित प्रतिरोधी (Antiseptic) –
यह रासायनिक पदार्थ का जल मिश्रित/पतला विलयन होता है। यह विलयन (solution) सूक्ष्मजीवों की वृद्धि एवं बहुगुणन को रोकता है।
It is a water mixed/diluted solution of a chemical substance. This solution prevents the growth and multiplication of microorganisms.
19.कीटाणुनाशन (Sterilization) –
कीटाणुनाशन का अर्थ है, सतह एवं वस्तुओं से सभी प्रकार के सूक्ष्म जीवाणुओं (microorganism) को नष्ट करना।
Disinfection means destroying all types of microorganisms from surfaces and objects.
20.ऑटोक्लेविंग (Autoclaving) –
इस विधि में अधिक दाब, उच्च ताप व आर्द्रता का प्रयोग किया जाता है, जिससे विसंक्रमण के लिए आवश्यक तापमान बना रहे एवं autoclave में पैक की गयी वस्तुओं का शीघ्रता से भेदन हो सके।
In this method, high pressure, high temperature and humidity are used, so that the required temperature for sterilization is maintained and the items packed in the autoclave can be quickly penetrated.
21.प्रतिरक्षा (Immunity) –
शरीर के रोग उत्पन्न करने वाले कारकों अर्थात् एन्टीजन्स को पहचानने तथा नष्ट करने की क्षमता ही रोग प्रतिरोधकता या प्रतिरक्षा (immunity) कहलाती है अर्थात् रोग प्रतिरोधक क्षमता वह क्षमता है जो व्यक्ति को रोगों से बचाती है।
The body’s ability to recognize and destroy disease-causing factors, i.e. antigens, is called immunity, that is, immunity is the ability that protects a person from diseases.
22.अनुत्तेजक आहार (Bland Diet) –
अनुत्तेजक आहार वह आहार है जो नरम, मुलायम, डायटरी फाइबर में कम व बिना मिर्च-मसाले का होता है।
Non-inflammatory diet is that diet which is soft, bland, low in dietary fiber and without chillies and spices.
23.निगरण कष्ट (Dysphagia) –
निगलने में कष्ट होना (difficulty in swallowing)
24.अपाचन (Dyspesia) –
बदहजमी, जी मचलाना (indigestion)
25.प्रत्याहन (Regurgitation) –
आंशिक पचे हुए भोजन का मुँह में आ जाना।
Partially digested food coming into the mouth.
26.बेल्चिंग (Belching) –
डकार लेने की प्रक्रिया।
The process of belching.
27.वमन या उल्टी (Vomiting) –
आमाशय में उपस्थित पदार्थों का ग्रासनली एवं मुँह से बाहर निकलना।
Exit of the substances present in the stomach through the esophagus and mouth.
28.मितली (Nausea) –
जी मचलाना या उल्टी होने का आभास होना।
nausea or feeling of vomiting
29.उर्ध्वस्थ श्वसन (Orthopnoea) –
बैठकर या खड़े होकर श्वसन कर पाना (लेटकर नहीं)।
Orthopnoea –
Ability to breathe while sitting or standing (not lying down).
30.देहनशीलता (Cyanosis) –
त्वचा एवं श्लेष्मा झिल्ली का नीलापन या विरंजन जो ऊतकों में ऑक्सीजन की कमी के कारण उत्पन्न होता है।
Cyanosis –
Blueness or discoloration of the skin and mucous membranes caused by lack of oxygen in the tissues.
31.कष्ट श्वसन (Dyspnoea) –
श्वसन में कठिनाई (difficulty in breathing)।
Dyspnoea –
Difficulty in breathing.
32.हृद्द्धकुंचन दाब (Systolic pressure) –
सिस्टोलिक दबाव रक्त द्वारा रक्तवाहिकाओं की भित्तियों पर लगाया जाने वाला उच्चतम दबाव है जो वेन्ट्रिक्यूलर सिस्टॉल के दौरान बायें निलय द्वारा रक्त को महाधमनी (aorta) में धकेलने के समय लगाया जाता है।
Systolic pressure –
Systolic pressure is the highest pressure exerted by the blood on the walls of the blood vessels during ventricular systole when the left ventricle pushes blood into the aorta.
33.हृद्स्फारी दाब (Diastolic pressure) –
यह निम्नतम दबाव होता है जो हृदय की विश्रामावस्था में होता है। यह विश्राम अवधि बायें निलय का संकुचन प्रारम्भ होने से ठीक पहले रहती है।
Diastolic pressure –
This is the lowest pressure that occurs when the heart is at rest. This rest period occurs just before the left ventricle starts contracting.
34.उच्च रक्तचाप (Hypertension) –
इसमें सिस्टोलिक पारा 140 mm of Hg से ऊपर तथा डायस्टोलिक पारा 90 mm of Hg से ऊपर होता है।
Hypertension – In this the systolic temperature is above 140 mm of Hg and the diastolic temperature is above 90 mm of Hg.
35.पल्सीमीटर (Pulsimeter) –
नाड़ी को नापने वाला उपकरण।
Pulsimeter – An instrument to measure the pulse.
36.रैस्पिरोमीटर (Respirometer) –
श्वसन की प्रकृति का पता लगाने वाला उपकरण।
Respirometer – An instrument to detect the nature of breathing.
37.पूतिता (Sepsis)
• रक्त में रोगोत्पादक सूक्ष्मजीवों एवं उनके जीवविषों की विद्यमानता।
Sepsis – Presence of disease-causing microorganisms and their toxins in the blood.
38.अपूतिता (Asepsis) –
संक्रमण से मुक्ति।
Asepsis – Freedom from infection.
39.रोग हेतु विज्ञान (Aetiology) –
ऐसा विज्ञान जिसमें रोगों का कारण ढूँढा जाता है।
Aetiology – The science in which the cause of diseases is found.
40.रोग विज्ञान या विकृति विज्ञान (Pathology) –
चिकित्सा विज्ञान की वह शाखा जो रोगों का अध्ययन करती है। रोग प्रक्रिया के दौरान शरीर की रचना एवं कार्यों में होने वाले परिवर्तनों को भी यह सूचित करती है।
Pathology – The branch of medical science that studies diseases. It also informs about the changes in the structure and functions of the body during the disease process.
41.चिन्ह (Sign) –
ऐसे चिन्ह जिन्हें देखा या महसूस किया जा सकता हो, जैसे- बुखार।
Sign – Such signs that can be seen or felt, such as fever.
42.लक्षण (Symptoms) –
मरीज के द्वारा बताए जाने वाले लक्षण या रोग की प्रकृति एवं स्थान, जैसे- पीड़ा (pain)।
Symptoms –
Symptoms reported by the patient or the nature and location of the disease, such as pain.
43.जटिलताएँ (Complication) –
रोग के दौरान कोई अन्य रोग उत्पन्न होना।
Complications –
Any other disease occurring during the disease.
44.टेकिकार्डिया (Tachycardia)
100 प्रति मिनट (100/min) से अधिक की नाड़ी दर।
Tachycardia –
Pulse rate more than 100 per minute (100/min).
45.ब्रेडिकार्डिया (Bradycardia) –
60 प्रति मिनट से कम की नाड़ी दर। /
Bradycardia –
Pulse rate less than 60 per minute.
46.तीव्र श्वसन (Tachypnoea)
24 प्रति मिनिट से अधिक बढ़ी हुई श्वसन दर।
Tachypnoea –
Respiratory rate more than 24 per minute.
47.मंद श्वसन (Bradypnoea)
10 प्रति मिनिट से कम की श्वसन दर।
Bradypnoea –
Respiratory rate less than 10 per minute.
48.अश्वसन (Apnoea) –
श्वसन का पूरी तरह रुक जाना।
Apnoea –
Complete stoppage of breathing.
49.अतिश्वसन (Hyperpnoea) –
श्वसन की गहराई में वृद्धि।
Hyperpnoea –
Increase in the depth of breathing.
50.चीख या खर्राटा (Stridor) –
श्वसन के दौरान उत्पन्न एक कठोर, कंपन्नयुक्त एवं तीखी ध्वनि ।
Stridor –
A harsh, vibrating and shrill sound produced during breathing.
51.खरखराहट (Wheeze) –
श्वसन के दौरान सुनी जाने वाली सीटी जैसी आवाज।
Wheeze –
Whistling sound heard during breathing.
52.श्वासावरोध (Asphyxia) –
अपर्याप्त ऑक्सीजन के कारण उत्पन्न हुई दशा (दम घुटना)।
Asphyxia –
Condition caused by insufficient oxygen (suffocation).
53.ऊतक ऑक्सीक्षीणता (Anoxaemia/Hypoxaemia) –
रक्त प्रवाह में ऑक्सीजन की कमी।
Anoxaemia/Hypoxaemia –
Lack of oxygen in the bloodstream.
54.आनॉक्सीया (Anoxia) –
ऊतकों को ऑक्सीजन की कमी या आपूर्ति न होना।
Anoxia –
Lack or absence of oxygen supply to the tissues.
55.निगरण कष्ट (Dysphagia) –
निगलने में कष्ट होना (difficulty in swallowing)
56.अपाचन (Dyspesia)
बदहजमी, जी मचलाना (indigestion)
57.प्रत्याहन (Regurgitation)
आशिक पचे हुए भोजन का मुँह में आ जाना।
Partially digested food coming into the mouth.
58.बेल्विंग (Belching)
डकार लेने की प्रक्रिया।
The process of burping.
59.वमन या उल्टी (Vomiting)
आमाशय में उपस्थित पदार्थों का ग्रासनली एवं मुँह से बाहर निकलना।
The coming out of the stomach through the esophagus and mouth.
60.मितली (Nausea)
जी मचलाना या उल्टी होने का आभास होना
Feeling of nausea or vomiting
61.आंत्र (Bowel)
आँतें (Intestine)
62.उत्सर्जन (Elimination)
फेफड़ों, त्वचा, मलाशय एवं मूत्राशय द्वारा शरीर के व्यर्थ पदार्थों को बाहर निकालना।
The removal of waste material from the body through the lungs, skin, rectum and urinary bladder.
63.कब्ज (Constipation)
मल का कड़ा होकर कठिनाई से एवं अनियमित रूप से बाहर निकलना।
The stool hardens and comes out with difficulty and irregularly.
64.मल (Faeces)
बड़ी आंत के अंतः पदार्थ।
The contents of the large intestine.
65.मल त्याग (Defecation)
मलाशय से मल पदार्थ को बाहर निकालने की प्रक्रिया।
The process of expelling feces from the rectum.
66.अतिसार (Diarrhoea)
मल का पतला होना या दस्त होना।
The thinning of the feces or diarrhoea.
67.कोलोन प्रक्षालन (Colonic irrigation) –
बड़ी आंत की अच्छी तरह से सफाई करना।
The thorough cleaning of the large intestine.
68.गुदवस्ति या एनीमा (Enema or clysis)
मल त्याग की सुगमता के लिये मलाशय में द्रव प्रविष्ट करना।
Inserting fluid into the rectum to facilitate defecation.
69अनैच्छिक मूत्रता (Enuresis)
मूत्र की असंयति।
Incontinence of urine.
70.उदर वायु (Flatulence)
अमाशय एवं आंत में गैस का बनना।
Formation of gas in the stomach and intestine.
71.रूधिरत्र कालामल (Melaena)
रक्त की उपस्थिति के कारण गहरे अथवा काले रंग का मल।
Dark or black coloured feces due to the presence of blood.
72.मूत्र त्याग (Micturition)
मूत्र बाहर निकालने की क्रिया।
The process of expelling urine.
73.पीड़ादायक मूत्रोत्सर्ग (Dysuria)
मूत्र-त्याग में दर्द होना।
Pain during urination.
74.पूयमेह (Pyuria)
मूत्र में पस का पाया जाना।
Presence of pus in urine.
75.असंयम (Incontinence) –
मूत्राशय या मलाशय के संवरणी पेशी (sphincter) को नियंत्रित न कर पाना।
Inability to control the sphincter of the bladder or rectum.
76.मूत्र का रुक जाना (Retention of urine)
मूत्र का मूत्राशय में रुक जाना अथवा मूत्र त्याग न कर पाना।
Retention of urine in the bladder or inability to urinate.
77. गुदवर्ती (Suppository) –
मलाशय अथवा योनि में प्रवेश कराने के लिए तैयार किया गया औषधिकृत कोन के आकार का ठोस पदार्थ जो शरीर के तापमान पर घुल जाता है।
A medicated cone-shaped solid substance designed to be inserted into the rectum or vagina which dissolves at body temperature.
78. प्रोक्टोक्लाइसिस (Proctoclysis)
• शरीर में अवशोषण के लिए किसी द्रव की काफी अधिक मात्रा को मलाशय में इंजेक्शन द्वारा धीरे-धीरे दिया जाना।
• Slow injection of a large quantity of a liquid into the rectum for absorption in the body.
79.अमूत्रता (Anuria)
वृक्कों के द्वारा मूत्र का न बनना।
Inability to produce urine by the kidneys.
80.बहुमूत्रता (Polyuria)
अधिक मूत्र त्याग होना।
Excessive urination.
81. रक्तमूत्रता (Haematuria)
मूत्र में रक्त का पाया जाना।
Presence of blood in the urine.
82.विकृति (Deformity) –
पूर्व में सामान्य रूप से बने किसी भाग की आकृति में होने वाला परिवर्तन ।
A change in the shape of a previously normal part.
83.पोषण (Nutrition) –
पौष्टिक पदार्थों के अर्न्तग्रहण, पाचन, अवशोषण, स्वांगीकरण तथा उपयोग की क्रियाओं का कुल योग पोषण कहलाता है।
The sum total of the processes of intake, digestion, absorption, assimilation and use of nutritious substances is called nutrition.
84.आहार (Diet) –
किसी व्यक्ति द्वारा नियमित रूप से प्रतिदिन ग्रहण किये जाने वाले ठोस एवं द्रव खाद्य पदार्थ।
Solid and liquid food items consumed by a person regularly every day.
85.पोषक तत्व (Nutrients) –
भोजन के घटक जैसे- कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फैट, विटामिन, मिनरल और पानी।
Components of food such as carbohydrates, proteins, fats, vitamins, minerals and water.
86. क्षुधानाश (Anorexia) –
भूख नहीं लगना (loss of appetite)