Fundamentals Of Nursing Definition All Terminology or Definitions

          FUNDAMENTAL Of Nursing All Terminology Or Definitions For GNM ANM And Bsc Nursing.

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आप सभी नर्सिंग छात्र छात्राओं को fundamental Of Nursing Definition एक नए लेख के साथ स्वागत कर रहा हूं। यहां पर मिलने वाला सभी सामग्री मुफ्त में आपके Syllabus के अनुसार मिलता हैं। आज ऐसे ही एक पोस्ट लाए है Fundamental Of Nursing Definition in Hindi, जो आप सभी नर्सिंग विद्यार्थियों के लिए महत्त्वपूर्ण हैं जहां आप सभी नीचे देखेंगे Fundamental Of Nursing के सभी महत्त्वपूर्ण तथ्य और परिभाषाएं जो आप सभी के GNM First Year, Bsc Nursing और ANM में पढ़ना हैं ।

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1.) स्वास्थ्य (Health) –
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation, W.H.O.) के अनुसार स्वास्थ्य पूरी तरह से शारीरिक, मानसिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक तंदरूस्ती की स्थिति है, केवल रोग या बीमारी का अभाव नही।
Health –
According to the World Health Organization (W.H.O.), health is a state of complete physical, mental, social and spiritual well-being, not merely the absence of disease or infirmity.

2. नर्सिंग (Nursing) –
नर्सिंग नर्स के द्वारा किया जाने वाला एक अनुपम कार्य है अर्थात् व्यक्ति (स्वस्थ या अस्वस्थ) के उन क्रियाओं को सम्पन्न करने में सहायता करना है जो उसके स्वास्थ्य की पुनःप्राप्ति में या शांतिपूर्ण मृत्यु में योगदान देती हैं एवं जिन क्रियाओं को वह इच्छाशक्ति, ज्ञान एवं बिना किसी की सहायता से स्वयं सम्पन्न करती है।
Nursing
Nursing is a unique function performed by a nurse, that is, to assist a person (healthy or unwell) in carrying out those activities which contribute to his recovery of health or to a peaceful death and those activities which he can do with will, knowledge and She does it herself without any help.

3. व्यवसायिक नर्स (Professional Nurse) –
व्यवसायिक नर्स वह होती है जिसने किसी मान्यता प्राप्त नर्सिंग स्कूल या कॉलेज से डिग्री अथवा डिप्लोमा प्राप्त किया हो एवं सम्बन्धित नर्सिंग कॉसिल से रजिस्टर्ड हो।
Professional Nurse –
A professional nurse is one who has obtained a degree or diploma from a recognized nursing school or college and is registered with the relevant nursing council.

4. रोग (Illness) –
बीमारी या अस्वस्थता एक ऐसी अवस्था है जिसमें शरीर या शरीर के किसी भी अंग को कार्य करने में बाधा उत्पन्न होती है।
Illness –
Illness or ailment is a condition in which there is a disturbance in the functioning of the body or any part of the body.

5. नर्सिंग प्रक्रिया (Nursing Process)
नर्सिंग प्रक्रिया एक क्रमबद्ध प्रक्रिया है। जिसके अंतर्गत रोगी के स्वास्थ्य का मूल्यांकन करना, रोगी की सेवा की योजना बनाना, उसके बाद सेवा को रोगी पर लागू करना और उसके प्रभाव का मूल्यांकन करना शामिल है।
Nursing Process
The nursing process is an orderly process. This includes assessing the patient’s health, planning the patient’s service, then implementing the service on the patient, and evaluating its effectiveness.

6. रिकॉर्ड (Record)
रिकॉर्ड रोगी से संबंधित मूल आंकडे लेने का एक लिखित दस्तावेज होता है। रिकॉर्डस वे रजिस्टर, डायरियाँ या फाइलें होती हैं जिसमें मरीज को अस्पतालों में दी जाने वाली चिकित्सा सेवा एवं परीक्षण का लिखित वर्णन होता है एवं यह कानूनी दस्तावेज होते हैं जो रोगी के दाखिले से निकास तक उपयोग में लाए जाते हैं।
Record
A record is a written document containing basic data relating to a patient. Records are registers, diaries or files containing a written description of the medical services and tests given to the patient in hospitals and are legal documents used from the time the patient is admitted to the patient’s exit.

7. रिपोर्ट् (Report) –
किसी मरीज को प्रदान की जा रही स्वास्थ्य देखभाल के संबंध में स्वास्थ्य कर्मियों (नर्स या अन्य सदस्यों) के मध्य सूचनाओं का आदान-प्रदान रिपोर्ट कहलाती है तथा यह प्रक्रिया रिर्पोटिंग कहलाती है। यह मौखिक या लिखित दोनों ही रूप से प्रस्तुत की जा सकती है।
Report –
The exchange of information between health workers (nurses or other members) regarding the health care being provided to a patient is called reports and this process is called reporting. It can be presented either orally or in writing.

8. बिस्तरी घाव / दाब व्रण/शय्या व्रण (Bed sore / Pressure sore / Decubitus ulcer)
किसी व्यक्ति या मरीज के लम्बे समय तक बिस्तर पर लेटे रहने या कुर्सी पर बैठे रहने से या फिर एक ही स्थिति में बने रहने से उसके शरीर के कुछ ऊतक क्षेत्रों पर दबाव पड़ने के कारण उन अंगों की ओर रक्त संचार कम हो जाता है जिससे ऊतकों की क्षति (necrosis) हो जाती है और वहाँ घाव बन जाते हैं। इस तरह होने वाले घावों को दाब व्रण, बिस्तर व्रण या बिस्तरी घाव कहते हैं। इन्हें शय्या व्रण (decubitus ulcer) भी कहा जाता है।
Bed sore / Pressure sore / Decubitus ulcer
When a person or a patient is lying on the bed or sitting on a chair for a long time or due to pressure on some tissue areas of his body due to the pressure on some tissue areas of his body, the blood circulation towards those organs is reduced, due to which the tissues Necrosis occurs and wounds are formed there. Wounds that occur in this way are called pressure ulcers, bed sores or bed sores. These are also called decubitus ulcers.

9. प्रतिरक्षण (Immunization)
शरीर में वैक्सीन (vaccine), इम्यूनोग्लोबुलीन (immunoglobulin) या ऐन्टीसीरम (antiserum) प्रविष्ट कर किसी विशिष्ट रोग के प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न करना प्रतिरक्षण (immunization) कहलाता है।
Immunization
Generating immunity against a specific disease by introducing vaccine, immunoglobulin or antiserum into the body is called immunization.

10. जैविक चिन्ह (Vital Sign ) –
शरीर का तापमान (temperature), नाड़ी (pulse), श्वसन (respiration) एवं रक्तचाप को जैविक चिन्ह कहा जाता है क्योंकि इनका नियंत्रण शरीर के जैविक अंगों (vital organ) जैसे हृदय मस्तिष्क गुर्दों आदि के द्वारा होता है।
Vital Sign –
Body temperature, pulse, respiration and blood pressure are called biological signs because they are controlled by the vital organs of the body, such as the heart, brain, kidneys, etc.

11. तापमान (Temperature)
शरीर की ऊष्मा को इकाई के रूप में अभिव्यक्त करना ही तापमान है। (Temperature is the degree of body heat) शरीर के तापमान के नियंत्रण का केन्द्र हाइपोथैलेमस (hypothalamus) होता है। सामान्य अवस्था में शरीर का तापमान 98.6°F (37°C) होता है।
Temperature
Expressing the heat of the body as a unit is the temperature. (Temperature is the degree of body heat) The center of control of body temperature is the hypothalamus. Normal body temperature is 98.6°F (37°C).

12. नाड़ी (Pulse) –
रक्तपरिसंचरण के लिये जब हृदय का बायां निलय (left ventricle) संकुचित होता है तब रक्त – अंतरंग, धमनी में से बलपूर्वक गुजरती है जिसके कारण धमनी में बारी-बारी से उठाव (expansion) तथा पतन (recoil • or fall) होता है अत: धमनी के इस एकान्तरित उठाव व पतन को नाड़ी (pulse) कहते हैं।
Pulse
For blood circulation, when the left ventricle of the heart contracts, the blood is forcefully forced through the internal artery, due to which the artery alternately expands (expansion) and collapses (recoil • or fall). This alternate rise and fall of the artery is called pulse.

(13) रक्तचाप (Blood Pressure)
रक्त वाहिनियों (blood vessels) में बहने वाले रक्त द्वारा रक्त वाहिनियों की – दीवारों पर लगाए जाने वाले दबाव को रक्तचाप कहते हैं।
Blood Pressure
The pressure exerted by the blood flowing in the blood vessels on the walls of the blood vessels is called blood pressure.
14. प्राथमिक सहायता (First Aid) –
चिकित्सीय मदद आने या अस्पताल ले जाने से पहले बीमार या घायल व्यक्ति को दी जाने वाली तत्काल चिकित्सा को ही प्राथमिक सहायता कहते हैं। यह सहायता किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा दी जाती है। जिसे प्राथमिक चिकित्सा का ज्ञान हो।
First Aid –
First aid is the immediate treatment given to a sick or injured person before medical help arrives or is taken to the hospital. This help is given by such a person. One who has knowledge of first aid.

15. शरीर की स्थिति (Body Alignment) –
जब खड़े, बैठे या करवट लेने की स्थिति में हो तब सीध, जोड़ों, कण्डरा (tendons), स्नायु (ligament) और माँसपेशियों की स्थिति को संदर्भित करना।
Body Alignment –
Straightness refers to the position of joints, tendons, ligaments, and muscles when in a standing, sitting, or supine position.

16. आसन (Posture) –
बैठने, खड़े रहने, चलने या लेटने के समय शरीर के विभिन्न भाग जिस अवस्था में रहते हैं उसे आसन कहते हैं।
Posture –
The position in which different parts of the body remain while sitting, standing, walking or lying down is called asana.

17. गतिशीलता (Mobility) –
गतिशीलता एक व्यक्ति के बारे में उसके स्वैच्छिक मोटर (voluntary motor) और शरीर के सभी क्षेत्रों के संवेदी नियंत्रण (sensory control) के कारण स्थानांतरित करने की क्षमता है।
Mobility –
Mobility is the ability of a person to move about due to his voluntary motor and sensory control of all areas of the body.

18. गतिहीनता (Immobility)
• जब व्यक्ति एक ही स्थिति में सीमित रहता है और स्थिति को स्थानांतरित करने के लिये स्वतंत्र रूप से असमर्थ होता है।
Immobility
• When the person is confined in one position and is unable to move freely in the position.

19. कुबड़ापन (Kyphosis) –
मेरूदण्ड का वक्षीय क्षेत्र अत्यधिक हो जाता है अर्थात उभार निकल आता है।
Kyphosis –
The thoracic region of the spinal cord becomes excessive, that is, the bulge comes out.

20. अग्रकुब्जता (Lordosis) –
मेरूदण्ड का आगे की ओर मुड़ जाना (curvature of the lumbar spine) !

21. पार्श्वकुब्जता (Scoliosis) –
कशेरूकादण्ड की पार्शिवक वक्रता (lateral curvature of the vertebral column)।

22. विकृति (Deformity ) –
पूर्व में सामान्य रूप से बने किसी भाग की आकृति में होने वाला परिवर्तन।
Deformity –
A change in the shape of a previously normally formed part.

23. पोषण (Nutrition) –
पौष्टिक पदार्थों के अर्न्तग्रहण, पाचन, अवशोषण, स्वांगीकरण तथा उपयोग की क्रियाओं का कुल योग पोषण कहलाता है।
Nutrition
The sum total of the activities of ingestion, digestion, absorption, assimilation and utilization of nutritious substances is called nutrition.

24. आहार (Diet) –
किसी व्यक्ति द्वारा नियमित रूप से प्रतिदिन ग्रहण किये जाने वाले ठोस एवं द्रव खाद्य पदार्थ ।
Diet –
Solid and liquid food items consumed by a person regularly on a daily basis.

25. पोषक तत्व (Nutrients) –
भोजन के घटक जैसे- कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फैट, विटामिन, मिनरल और पानी।
Components of food such as carbohydrates, proteins, fats, vitamins, minerals and water.

26. क्षुधानाश (Anorexia) –
भूख नहीं लगना (loss of appetite )

27. निगरण कष्ट (Dysphagia) – निगलने में कष्ट होना (difficulty in swallowing)

28. अपाचन (Dyspesia) – बदहजमी, जी मचलाना (indigestion)

29. प्रत्याहन (Regurgitation) – आशिक पचे हुए भोजन का मुँह में आ जाना।
Regurgitation – Regurgitation of partly digested food in the mouth.

30. बेल्चिंग (Belching) – डकार लेने की प्रक्रिया।
Belching – The process of belching.

31. वमन या उल्टी (Vomiting) – आमाशय में उपस्थित पदार्थों का ग्रासनली एवं मुँह से बाहर निकलना।
Vomiting – The exit of the substances present in the stomach through the esophagus and mouth.

32. मितली (Nausea) – जी मचलाना या उल्टी होने का आभास होना
Feeling of nausea or vomiting

33. आंत्र (Bowel) – आँते (Intestine)
Bowel – Intestine

34. उत्सर्जन (Elimination) – फेफड़ों, त्वचा, मलाशय एवं मूत्राशय द्वारा शरीर के व्यर्थ पदार्थों को बाहर निकालना।
Elimination – Removal of waste materials from the body through lungs, skin, rectum and bladder.

35. कब्ज (Constipation) – मल का कड़ा होकर कठिनाई से एवं अनियमित रूप से बाहर निकलना।
Constipation – hard and irregular passing of stool with difficulty.

36. मल (Faeces) – बड़ी आंत के अंत:पदार्थ ।
Faeces – The inner substance of the large intestine.

37. मल त्याग (Defecation)- मलाशय से मल पदार्थ को बाहर निकालने की प्रक्रिया।
Defecation – The process of taking out the fecal matter from the rectum.

38. अतिसार (Diarrhoea) – मल का पतला होना या दस्त होना।
Diarrhea – Thinning of stool or diarrhoea.

39 कोलोन प्रक्षालन (Colonic irrigation) – बड़ी आंत की अच्छी तरह से सफाई करना।
Colonic irrigation – Thorough cleaning of the large intestine.

40. गुदवस्ति या एनीमा (Enema or clysis) – मल त्याग की सुगमता के लिये मलाशय में द्रव प्रविष्ट करना।
Gudvasti or Enema (Enema or clysis) – Entering liquid in the rectum for the convenience of bowel movement.

41. अनैच्छिक मूत्रता (Enuresis) – मूत्र की असंयति । –
Involuntary urine (Enuresis) – Incontinence of urine.

42. उदर वायु (Flatulence) – अमाशय एवं आंत में गैस का बनना।
Flatulence – formation of gas in the stomach and intestines.

43. रूधिरत्र कालामल (Melaena) – रक्त की उपस्थिति के कारण गहरे अथवा काले रंग का मल
Melaena – dark or black stools due to the presence of blood

44. मूत्र त्याग (Micturition) – मूत्र बाहर निकालने की क्रिया।
Micturition – The act of taking out urine.

45. पीड़ादायक मूत्रोत्सर्ग (Dysuria) – मूत्र त्याग में दर्द होना।
Painful urination (Dysuria) – Pain in urination.

46. पूयमेह (Pyuria) – मूत्र में पस का पाया जाना।
Pyuria – Presence of pus in the urine.

47. असंयम (Incontinence) –
मूत्राशय या मलाशय के संवरणी पेशी (sphincter) को नियंत्रित न कर पाना।
Incontinence –
Inability to control the sphincter of the bladder or rectum.

48. मूत्र का रुक जाना (Retention of urine) मूत्र का मूत्राशय में रुक जाना अथवा मूत्र त्याग न कर पाना।
Retention of urine: Stopping of urine in the bladder or not being able to pass urine.

49. गुदवर्ती (Suppository) –
मलाशय अथवा योनि में प्रवेश कराने के लिए तैयार किया गया औषधिकृत कोन के आकार का ठोस पदार्थ जो शरीर के तापमान पर घुल जाता है।
Gudvarti (Suppository) –
A medicated cone-shaped solid that dissolves at body temperature, prepared for insertion into the rectum or vagina.

50. प्रोक्टोक्लाइसिस (Proctoclysis) –
शरीर में अवशोषण के लिए किसी द्रव को काफी अधिक मात्रा को मलाशय में इंजेक्शन द्वारा धीरे-धीरे दिया जाना।
Proctoclysis –
The slow administration of a liquid by injection into the rectum in large enough quantities for the body to absorb.

51. अमूत्रता (Anuria) – वृक्कों के द्वारा मूत्र का न बनना। –
Anuria – Absence of urine by the kidneys.

52. बहुमूत्रता (Polyuria) – अधिक मूत्र त्याग होना।
Polyuria – Excessive urination.

53. रक्तमूत्रता (Haematuria) – मूत्र में रक्त का पाया जाना।
Haematuria – Presence of blood in the urine.

54. एल्ब्यूमिनूरिया (Albuminuria) – मूत्र में सीरम एल्ब्यूमिन का पाया जाना।
Albuminuria – Detection of serum albumin in urine.

55. अल्पमूत्रता (Oliguria) – मूत्र का बहुत थोड़ी मात्रा में बनना।
Oliguria – Formation of very little quantity of urine.

56. ग्लाइकोसूरिया (Glycosuria) – मूत्र में ग्लूकोज का पाया जाना।
Glycosuria – Presence of glucose in urine.

57. शव परीक्षा (Autopsy) –
मृत्यु का कारण अथवा विकृतिजन्य अवस्था का पता लगाने के लिये शरीर के अंगों एवं ऊतकों का मरणोत्तर परीक्षण करना शव परीक्षा कहलाता है।
Autopsy –
Post-mortem examination of body parts and tissues to find out the cause of death or pathological condition is called autopsy.

58. एम्बेल्मिंग (Embalming) –
मृत शरीर को सड़ने से बचाने के लिए उसके भीतर एवं बाहर पूतिरोधी तथा रक्षक पदार्थों का प्रयोग करना।।
Embalming
To save the dead body from rotting, using antiseptic and protective substances inside and outside it.

59. यूथेनेसिया (Euthanasia) – आसानी से होने वाली या वेदना रहित मृत्यु।
Euthanasia – Easy or painless death.

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60. होजपीस देखभाल (Hospice Care) मरणासन्न रोगी की देखभाल।
Hospice Care Care of a dying patient.

61. राइगॉर मोर्टिस (Rigor Mortis ) – मृत शरीर का अकड़ जाना।
Rigor Mortis – Stiffness of the dead body.

62. निदान (Diagnosis) – रोग की प्रकृति एवं सीमा का निर्धारण निदान कहलाता है।
Diagnosis – Determining the nature and extent of the disease is called diagnosis.

63. पूर्वानुमान (Prognosis) – रोग की अवधि एवं घटनाक्रम की भविष्यवाणी ।
Prognosis – Prediction of the duration and course of the disease.

64. रोग हेतु विज्ञान (Aetiology) – ऐसा विज्ञान जिसमें रोगों का कारण ढूँढा जाता है।
Science for diseases (Aetiology) – such a science in which the cause of diseases is found.

65. रोग विज्ञान या विकृति विज्ञान (Pathology) –
चिकित्सा विज्ञान की वह शाखा जो रोगों का अध्ययन करती है। रोग प्रक्रिया के दौरान शरीर की रचना एवं कार्यों में होने वाले परिवर्तनों को भी यह सूचित करती है।
Pathology
The branch of medical science that studies diseases. It also informs the changes in body composition and functions during the disease process.

66, चिन्ह (Sign) – ऐसे चिन्ह जिन्हें देखा या महसूस किया जा सकता हो, जैसे- बुखार |
Sign – such signs which can be seen or felt, such as fever.

67. लक्षण (Symptoms) – मरीज के द्वारा बताए जाने वाले लक्षण या रोग की प्रकृति एवं स्थान, जैसे- पीड़ा (pain)।
Symptoms – The nature and location of the symptoms or disease described by the patient, such as pain.

68. जटिलताएँ (Complication) – रोग के दौरान कोई अन्य रोग उत्पन्न होना।
Complications – Occurrence of any other disease during the course of the disease.

69. टेकिकार्डिया (Tachycardia) – 100 प्रति मिनट (100/min ) से अधिक की नाड़ी दर।
Tachycardia – pulse rate of more than 100 per minute (100/min).

70. ब्रेडिकार्डिया (Bradycardia) – 60 प्रति मिनट से कम की नाड़ी दर –
Bradycardia – pulse rate less than 60 per minute –

71. तीव्र श्वसन (Tachypnoea) – 24 प्रति मिनिट से अधिक बढ़ी हुई श्वसन दर।
Rapid respiration (Tachypnoea) – increased respiratory rate greater than 24 per minute.

72. मंद श्वसन (Bradypnoea) – 10 प्रति मिनिट से कम की श्वसन दर।
Bradypnoea – respiratory rate of less than 10 per minute.

73. अश्वसन (Apnoea) – श्वसन का पूरी तरह रुक जाना।
Apnoea – Complete stoppage of breathing.

74. अतिश्वसन (Hyperpnoea) – श्वसन की गहराई में वृद्धि।
Hyperpnoea – Increase in the depth of respiration.

75. चीख या खर्राटा (Stridor)

श्वसन के दौरान उत्पन्न एक कठोर, कंपन्नयुक्त एवं तीखी ध्वनि।
Stridor A harsh, vibrating and shrill sound produced during respiration.

76. खरखराहट (Wheeze) श्वसन के दौरान सुनी जाने वाली सीटी जैसी आवाज।
Wheeze A whistling sound heard during respiration.

(77) श्वासावरोध (Asphyxia) – अपर्याप्त ऑक्सीजन के कारण उत्पन्न हुई दशा (दम घुटना)।
Asphyxia – condition caused by insufficient oxygen (suffocation).

78. ऊतक ऑक्सीक्षीणता (Anoxaemia / Hypoxaemia)-रक्त प्रवाह में ऑक्सीजन की कमी।

Anoxaemia / Hypoxaemia – Lack of oxygen in the blood stream.

79. आनॉक्सीया (Anoxia) – ऊतकों को ऑक्सीजन की कमी या आपूर्ति न होना।
Anoxia – lack or lack of supply of oxygen to the tissues.

80. उर्ध्वस्थ श्वसन (Orthopnoea) – बैठकर या खड़े होकर श्वसन कर पाना (लेटकर नहीं)।
Orthopnoea – Breathing while sitting or standing (not lying down).

81. देहनशीलता (Cyanosis) – त्वचा एवं श्लेष्मा झिल्ली का नीलापन या विरंजन जो ऊतकों में की कमी के कारण उत्पन्न होता है।
Cyanosis – bluish or bleaching of the skin and mucous membranes that occurs due to deficiency of oxygen in the tissues.

82. कष्ट श्वसन (Dyspnoea) – श्वसन में कठिनाई
(difficulty in breathing)।

83. हृद्प्रकुंचन दाब (Systolic pressure) –
सिस्टोलिक दबाव रक्त द्वारा रक्तवाहिकाओं की भित्तियों पर लगाया जाने वाला उच्चतम दबाव है जो वेन्ट्रिक्यूलर सिस्टॉल के दौरान बायें निलय द्वारा रक्त को महाधमनी (aorta) में धकेलने के समय लगाया जाता है।
Systolic pressure –
Systolic pressure is the highest pressure exerted by blood on the walls of blood vessels during ventricular systole when the left ventricle pushes blood into the aorta.

84. हृद्स्फारी दाब (Diastolic pressure)
• यह निम्नतम दबाव होता है जो हृदय की विश्रामावस्था में होता है। यह – विश्राम अवधि बायें निलय का संकुचन प्रारम्भ होने से ठीक पहले रहती है।
Diastolic pressure
• It is the lowest pressure that occurs when the heart is at rest. This – relaxation period lasts just before the contraction of the left ventricle begins.

85. उच्च रक्तचाप (Hypertension) –
इसमें सिस्टोलिक पारा 140 mm of Hg से ऊपर तथा डायस्टोलिक पारा 90 mm of Hg से ऊपर होता है।
Hypertension –
In this, systolic mercury is above 140 mm of Hg and diastolic mercury is above 90 mm of Hg.

86. पल्सीमीटर (Pulsimeter)- नाड़ी को नापने वाला उपकरण।
Pulsimeter – An instrument for measuring the pulse.

87. रैस्पिरोमीटर (Respirometer) – श्वसन की प्रकृति का पता लगाने वाला उपकरण ।
Respirometer – An instrument to detect the nature of respiration

88. पूतिता (Sepsis) • रक्त में रोगोत्पादक सूक्ष्मजीवों एवं उनके जीवविषों की विद्यमानता।
Sepsis • Presence of disease-causing microorganisms and their toxins in the blood.

89. अपूतिता (Asepsis) – संक्रमण से मुक्ति
Asepsis – Freedom from infection

90. संक्रमण (Infection) –
रोगात्पादक कारक जैसे जीवाणु, विषाणु कवक एवं जन्तु परजीवियों का शरीर में आक्रमण तथा बहुगुणन जिससे हानिकारक प्रभाव उत्पन्न होते हैं।
Infection –
Pathogenic factors such as bacteria, viruses, fungi and animal parasites invade and multiply in the body, causing harmful effects.

91. पार संक्रमण (Cross infection) – संक्रमित व्यक्तियों द्वारा एक दूसरे को संचारित संक्रमण।
Cross infection – Infection transmitted by infected persons to each other.

92. सूक्ष्मबिन्दु संक्रमण (Droplet infection) –
सूक्ष्म संक्रमित कणों द्वारा जैसे नाक से छींकने द्वारा, मुख से थूकने द्वारा फैलने वाला संक्रमण।
Droplet infection –
Infection spread by microscopic infected particles such as sneezing from the nose, spitting from the mouth.

93. वाहक (Carrier) –
वह व्यक्ति जो अपने शरीर में बीमारी के रोगाणुओं को धारण करता है परन्तु उसमें उस बीमारी के चिन्ह व लक्षण प्रकट व दिखाई नहीं देते।
Carrier
The person who carries the germs of the disease in his body, but the signs and symptoms of that disease are not visible.

94. जीवाणु रहित प्रतिरोधी (Antiseptic) –
यह रासायनिक पदार्थ का जल मिश्रित पतला विलयन होता है। यह विलयन (solution) सूक्ष्मजीवों की वृद्धि एवं बहुगुणन को रोकता है।
Antiseptic –
It is a dilute solution of a chemical substance mixed with water. This solution prevents the growth and multiplication of microorganisms.

95. (Sterilization) – कीटाणुनाशन का अर्थ है, सतह एवं वस्तुओं से सभी प्रकार के सूक्ष्म जीवाणुओं (microorganism) को नष्ट करना।
(Sterilization) –
Disinfection means destroying all types of microorganism from the surface and objects.

96. ऑटोक्लेविंग (Autoclaving) –
इस विधि में अधिक दाब, उच्च ताप व आर्द्रता का प्रयोग किया जाता है, जिससे विसंक्रमण के लिए आवश्यक तापमान बना रहे एवं autoclave में पैक की गयी वस्तुओं का शीघ्रता से भेदन हो सके।
Autoclaving –
In this method, high pressure, high temperature and humidity are used, so that the required temperature for sterilization is maintained and the items packed in the autoclave can be penetrated quickly.

97. (Immunity) –
शरीर के रोग उत्पन्न करने वाले कारकों अर्थात् एन्टीजन्स को पहचानने तथा नष्ट करने की क्षमता ही रोग प्रतिरोधकता या प्रतिरक्षा (immunity) कहलाती है अर्थात् रोग प्रतिरोधक क्षमता वह क्षमता है जो व्यक्ति को रोगों से बचाती है।
(Immunity) –
The body’s ability to recognize and destroy disease-causing factors, ie antigens, is called immunity, that is, immunity is the ability that protects a person from diseases.

98. अनुत्तेजक आहार (Bland Diet)-
अनुत्तेजक आहार वह आहार है जो नरम, मुलायम, डायटरी फाइबर में कम व बिना मिर्च-मसाले का होता है।
Bland Diet
An anti-inflammatory diet is a diet that is soft, bland, low in dietary fiber and without chili-spices.

साथियों अगर आपको ऊपर के दिए गए पोस्ट में कोई सुझाव हैं तो कॉमेंट्स में बता सकते है अपना राय।

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