GNM First Year Bio Science Definitions For All Nursing Students, Anatomy Physiology And Microbiology Definitions.

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नीचे आप सभी देखेंगे Bio-science के Anatomy Physiology And Microbiology के 116 Definitions को जो काफी आसान भाषा में दिया है.

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1. शरीर रचना विज्ञान (Anatomy) –
वह विज्ञान जिसके द्वारा मनुष्य के समस्त शरीर की रचना व शरीर के अंगों, पारस्परिक सम्बन्धों के विषय में अध्ययन किया जाता है, शरीर रचना विज्ञान कहलाता है।
Anatomy –
The science by which the whole body composition of human beings and the study of body parts and mutual relations is done, is called anatomy.

2. शरीर क्रिया विज्ञान (Physiology) –
शरीर क्रिया विज्ञान में शरीर में सम्पन्न होने वाली क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है। इस विज्ञान के द्वारा मनुष्य के शरीर में विद्यमान विभिन्न अवयवों एवं संस्थानों के कार्यों और उनसे संबंधित चिकित्सा विज्ञान के नियमों का ज्ञान होता है।
Physiology –
In physiology, the activities that take place in the body are studied. Through this science, the functions of various organs and institutions present in the human body and the rules of medical science related to them are known.

3. उदर क्षेत्र (Abdominal Region) –
मानव शरीर के उदर के आस-पास के भाग को उदर क्षेत्र कहते हैं। समस्त उदरीय भाग (abdominal region) को काल्पनिक रूप से नौ भागों में विभाजित किया जाता है।
Abdominal Region –
The part of the human body around the abdomen is called the abdominal region. The entire abdominal region is divided hypothetically into nine parts.

4. वक्षीय गुहा (Thoracic cavity) –
वक्षीय गुहा पसलियों के पिंजरे से बनती है। ये पसलियाँ इंटर कॉस्टल पेशियों के द्वारा आपस में तथा सामने से स्टर्नम व पीछे से कशरुकाओं से जुड़ी होती है। इस पिंजरे के अन्दर दो फुफ्फुसीय गुहाएँ रहती हैं, जिनमें फेफड़े स्थित होते हैं। दोनों फेफड़ों के मध्य में मीडियस्टिनम (cavity) होता है, जिसमें हृदय से संलग्न महाधमनी (aorta), महाशिराएँ (inferior and superior vena-cava) व ग्रास नली, श्वास नलिका (trachea), थाइमस ग्लैन्ड्स, लिम्फ नोड्स एवं वेगस तंत्रिकाएँ आदि होती हैं।
Thoracic cavity –
The thoracic cavity is formed by the rib cage. These ribs are connected to each other by the intercostal muscles and to the sternum in front and to the vertebrae in the back. Inside this cage there are two pulmonary cavities, in which the lungs are located. There is a mediastinum (cavity) in the middle of both lungs, in which aorta attached to the heart, great veins (inferior and superior vena-cava) and esophagus, trachea, thymus glands, lymph nodes and vagus nerves etc. Are.

5.) रक्त (Blood)
रक्त एक तरल संयोजी ऊतक (connective tissue) है। यह रक्त वाहिनियों में बहने वाला एक – चमकदार लाल रंग का चिपचिपा द्रव है। रक्त रक्तवाहिनियों में एक स्थान से दूसरे स्थान तक धारा-प्रवाह करता है। यह रक्त-वाहिनियों की सहायता से संपूर्ण शरीर में एक स्थान से दूसरे स्थान तक बिना किसी रुकावट के बहता रहता है। रक्त स्वाद में नमकीन, विशेष प्रकार की गंध वाला एवं अपारदर्शक द्रव होता है। इसका गुण क्षारीय होता है तथा pH लगभग 7.38 से 7.45 वे बीच ही रहता है।
Blood
Blood is a fluid connective tissue. It is a sticky liquid of bright red color flowing in the blood vessels. Blood flows from one place to another in the blood vessels. It flows from one place to another without any obstruction in the entire body with the help of blood vessels. Blood is salty in taste, special type of smell and opaque liquid. Its quality is alkaline and the pH remains between 7.38 to 7.45.

6. रक्त वर्ग (Blood Group) –
मानव रक्त देखने में एक समान होता है, लेकिन इसके चार वर्ग होते हैं। लाल रक्त कणों की सतह पर एन्टीजन पाए जाते हैं जिनको एग्लूटिनोजिन्स (agglutinogens) कहते हैं। यदि एग्लूटिनोजिन सीरम ‘A’ वर्ग के हैं तो उस रक्त वर्ग को ‘A’ वर्ग कहते है। अगर एग्लूटिनोजिन ‘B’ वर्ग के हैं तो रक्त ‘B’ वर्ग होता है। यदि एग्लूटिनोजिन दोनो वर्ग के होते हैं तो रक्त ‘AB’ वर्ग का होता है, और एग्लूटिनोजिन किसी भी वर्ग का नहीं होता है तो रक्त ‘O’ वर्ग का होता है।
Blood Group –
Human blood is uniform in appearance, but has four classes. Antigens found on the surface of red blood cells are called agglutinogens. If agglutinogen serum is of ‘A’ group, then that blood group is called ‘A’ group. If the agglutinogens are of ‘B’ group then the blood is of ‘B’ group. If agglutinogens are of both the groups then the blood is of ‘AB’ group, and if agglutinogens are not of any group then the blood is of ‘O’ group.

7. पैरिकार्डियम (Pericardium)
यह दो परतों की बनी होती है बाह्य एवं आंतरिक । बाह्य परत मजबूत लचीले आवरण के ऊतकों (fibrous tissues) की बनी होती है तथा यह अन्दर की ओर से एक पतली झिल्ली जो सीरमी कला (serous membrane) की बनी होती है। पैरिकार्डियम अपने मजबूत व लचीले गुण के कारण हृदय को अधिक फैलने से रोकती है तथा हृदय के आकार को सीमा में ही रखती है।
Pericardium
It is made of two layers outer and inner. The outer layer is made of strong flexible covering tissues and it is made of a thin membrane from the inside which is made of serous membrane. Due to its strong and flexible properties, the pericardium prevents the heart from expanding too much and keeps the size of the heart within limits.

8. शिरा (Vein)
केशिकाओं (Capillaries) का अंत व शिरिकाओं का जन्म स्थान ही शिराओं की उत्पत्ति का स्थल होता है। शिरिकाएँ आपस में मिलकर ही शिरा (vein) बनाती हैं जो शरीर से अशुद्ध रक्त को हृदय के दौर अलिन्द में पहुँचाती हैं। ये शिराएँ, शरीर की त्वचा के निकट होती है। शिरा की भिति पतली तथा आपस में चिपकने वाली होती है। शिराओं में वाल्व होते हैं जो अशुद्ध रक्त को केवल हृदय की तरफ ही प्रवाहित करते हैं वापस नहीं आने देते हैं।
Vein
The end of capillaries and the place of birth of veins is the place of origin of veins. The veins join together to form a vein, which carries impure blood from the body to the atrium of the heart. These veins are near the skin of the body. The wall of the vein is thin and adhesive to each other. There are valves in the veins which allow the impure blood to flow only towards the heart and does not allow it to come back.

9. केशिकाएँ (Capillaries) –
सूक्ष्म पतली धमनियों को केशिकाएँ कहते हैं। ये शरीर के प्रत्येक अंग के ऊतक व कोशिका को पोषण तथा ऑक्सीजन की पूर्ति के लिए शुद्ध ऑक्सीजन व पोषणयुक्त रक्त पहुँचाने का कर्य करती हैं। ये केशिकाएँ एक कोशिकीय (cell) परत के अस्तर की बनी भित्ति की होती है तथा बाल की मोटाई से भी पतली होती हैं।
Capillaries –
The tiny thin arteries are called capillaries. They work to deliver pure oxygen and nutritious blood to the tissues and cells of every part of the body for nutrition and supply of oxygen. These capillaries have a wall made of a single cell layer lining and are thinner than the thickness of a hair.

10. नाड़ी (Pulse)
किसी रक्त वाहिनी के बारी-बारी फैलने या सिकुड़ने (dilation and contraction) में होने वाली गति को नाड़ी (नब्ज) कहते हैं।
Pulse
The movement of a blood vessel in alternate expansion or contraction (dilation and contraction) is called pulse.

11. कोशिका (Cell)
मानव शरीर की सबसे छोटी व सूक्षतम इकाई (unit) जो स्वतंत्र रूप से जीवन की क्रियाओं को करने की क्षमता रखती है को कोशिका कहते हैं। कोशिका चारों ओर से प्लाज्मा झिल्ली से ढंकी रहती है। कोशिका शरीर की बनावट का मुख्य आधार होती है।
Cell
The smallest and smallest unit of the human body, which has the ability to perform life functions independently, is called a cell. The cell is covered from all sides by a plasma membrane. Cells are the main basis of body structure.

12. वायुकोष (Alveoli) –
टर्मिनल ब्रोन्कियोल्स (terminal bronchioles) विभाजित होकर सूक्ष्म नलिकाएँ और सूक्ष्म वायु कोषों की नलिका (alveolar duct) बन जाती हैं, जो वायु कोषिका के वायुकोष (air sac) में खुलती हैं। ये वायुकोष एल्विओलाई कैपिलरीज (alveoli capillaries) के जाल से घिरी हुई होती हैं। इन्हीं वायुकोषों की भित्तियों जिनकी भित्ति एक्वेमस एपिथीलियम से अस्तरित होती हैं के द्वारा ही शुद्ध एवं अशुद्ध गैसों का आदान-प्रदान रक्त के साथ होता है।
Air sacs (Alveoli) –
The terminal bronchioles divide to form alveolar ducts and alveolar ducts, which open into the air sacs of the alveoli. These air sacs are surrounded by a network of alveoli capillaries. The exchange of pure and impure gases with the blood takes place through the walls of these alveoli whose walls are lined with squamous epithelium.

(13.) हार्मोन्स (Hormones) –
वाहिकाविहीन ग्रंथियों (ductless glands) से होने वाले स्राव को हार्मोन कहते हैं। किसी भी अंतःस्त्रावी ग्रंथि से स्रवित हो रक्त के प्रवाह में विलीन होकर शरीर के किसी भी अंग विशेष में पहुँचकर हार्मोन की क्रिया उस अंग की लक्ष्य कोशिकाओं (target cells) पर ही होती है इसीलिए विभिन्न अंतःस्रावी ग्रथियों (endocrine glands) के विभिन्न हार्मोन्स के भिन्न-भिन्न लक्ष्य स्थान (target places) होते हैं।
Harmones
Secretions from ductless glands are called hormones. After being secreted from any endocrine gland, after reaching any particular part of the body, the action of hormones is on the target cells of that organ, that is why different hormones of different endocrine glands have different effects. There are different target places.

14. मासिक स्त्राव (Menstruation)
एक स्वस्थ युवती को प्रथम मासिक स्राव या रजोदर्शन से लेकर सम्पूर्ण प्रजनन काल में गर्भाशय से म्यूकस (श्लेष्मा) एवं अन्य पदार्थों से मिश्रित रक्तस्राव प्रत्येक 28 दिनों के अन्तर पर होता है, यह स्त्राव 3 से 5 दिन तक होता है। यह प्रक्रिया 12 से 16 वर्ष की आयु से लेकर 45 से 50 वर्ष की आयु तक प्रत्येक महीने होती है। एक मासिक चक्र (menstrual cycle) 28 दिन का बनता है। यह प्रक्रिया 4 अवस्थाओं में पूर्ण होती है।
Menstruation
A healthy girl experiences bleeding from the uterus mixed with mucus (mucus) and other substances every 28 days from the first menstruation or menarche to the entire reproductive period, this discharge lasts for 3 to 5 days. This process occurs every month from age 12 to 16 until age 45 to 50. A menstrual cycle is made up of 28 days. This process is completed in 4 stages.

15. तंत्रिका कोशिका (Neurons)
जिस प्रकार शरीर के समस्त अंग, एक इकाई कोशिका (cell) से बने होते हैं, उसी – प्रकार से तंत्रिका तंत्र (nervous system) तंत्रिका कोशिका (nerve cell or neuron) के समूह (ऊतकों) से बना होता है। सूक्ष्मदर्शी यन्त्र (microscope) से देखने पर तंत्रिका कोशिका के मध्य में नाभिक (nucleus), कोशिका द्रव (cytoplasm) आदि तथा भित्ति से शाखाएं व पुन: शाखाएं (branches and sub-branches) निकली हुई दिखाई देती हैं।
Neurons
Just as all the organs of the body are made up of a unit cell, in the same way the nervous system is made up of groups of nerve cells or neuron. When viewed with a microscope, the nucleus, cytoplasm, etc. in the center of the nerve cell and branches and sub-branches emerging from the wall are visible.

16. दृढ़ तानिका (Duramater) –
कपाल के ठीक नीचे मस्तिष्क की सबसे ऊपरी झिल्ली (परत) जो घने कठोर संयोजी ऊतकों से बनी होती है दृढ़ तानिका कहलाती है। इसी झिल्ली में रक्तवाहिनी स्थित रहती हैं, जो खोपड़ी की अंदरूनी परत की रक्तापूर्ति करती है।
Duramater –
Just below the cranium, the topmost membrane (layer) of the brain which is made of dense tough connective tissue is called the dura mater. Blood vessels are located in this membrane, which supplies blood to the inner layer of the skull.

17. पृष्ठीय गुहाएँ (Dorsal cavities) –
इसके अन्तर्गत कपालीय गुहा (cranial cavity). स्पाइनल गुहा (spinal cavity) आती हैं । कपालीय गुहा शरीर में सबसे ऊपर मस्तिष्क में होती है और स्पाइनल गुहा पीठ के मध्य में मेरू रज्जु में रहती है।
Dorsal cavities –
Cranial cavity under it. Spinal cavity comes. The cranial cavity is at the top of the body in the brain and the spinal cavity resides in the spinal cord in the middle of the back.

18. सूत्र कणिकाएँ (Mitochondria) –
कोशिका द्रव्य में अंडाकार या धागों के समान छोटी-छोटी संरचनाएँ तैरती हुई। दिखाती हैं, इन्हीं को सूत्र कणिका (mitochondria) कहते हैं। यह माइटोकोंड्रिया कोशिका को ऊर्जा प्रदान करने वाला पदार्थ होता है।
Mitochondria –
Small oval or thread-like structures floating in the cytoplasm. Shows, these are called mitochondria. This mitochondria is the substance that provides energy to the cell.

19. रिबोसोम्स (Ribosomes ) –
रिबोसोम्स कणिका (granules) की तरह होते हैं। ये कोशिका द्रव के अन्दर एकाकी – अथवा समूह में होते हैं, जिनमें राइबोन्यूक्लीइक अम्ल (RNA) रहता है एवं समस्त कोशिका का आधे से अधिक प्रोटीन (protein) इन्हों में निर्मित होता है अतः इनको प्रोटीन निर्माण का कारखाना भी कहते हैं।
Ribosomes –
Ribosomes are like granules. They are isolated – or in group inside the cell fluid, in which ribonucleic acid (RNA) remains and more than half of the protein of the whole cell is produced in them, hence they are also called protein manufacturing factories.

20. सैन्ट्रोसोम (Centrosome ) –
कोशिका द्रव्य या साइटोप्लाज्म की सैन्ट्रोसोम एक अतिलघु घनीभूत संरचना होती है, जो चारों ओर से धागे जैसी रचनाओं से घिरी हुई रहती है तथा दो केन्द्रिकाओं (nucleous) से निर्मित होती है। इसका प्रमुख कार्य कोशिका विभाजन (reproducting) की क्रिया को पूर्ण करना होता है।
Centrosome –
The centrosome of the cytoplasm is a very small dense structure, which is surrounded by thread-like structures and is made up of two nuclei. Its main function is to complete the process of cell division (reproducing).

21. समसूत्री विभाजन (Mitosis Division)
इस विभाजन की प्रक्रिया में समान गुणों वाली एक ही आकार की दो अनुजात कोशिकाएँ (daughter cells) उत्पन्न होती हैं इस प्रकार का विभाजन कायिक (somatic) कोशिकाओं में होता है। कायिक कोशिका नष्ट हुई कोशिकाओं के स्थान पर स्थापित हो जाती है।
Mitosis Division
In the process of this division, two daughter cells of the same size with similar properties are produced. This type of division occurs in somatic cells. Somatic cells are established in place of the destroyed cells.

22. अर्द्धसूत्री विभाजन (Meiosis Division)
अर्द्धसूत्री (meiosis) कोशिका विभाजन केवल लिंग विकसित – (mature) कोशिकाओं (डिम्ब व शुक्राणु) में ही होता है, इन कोशिकाओं को यौन कोशिकाएँ या युग्मक (sex cells and gamets) भी कहते हैं। इन कोशिकाओं में 23 जोड़े क्रोमोसोम्स (46 क्रोमोसोम्स) होते हैं। जब भी निषेचन (fertilization) की क्रिया प्रारम्भ होती हैं तो युग्मनज या जाइगोट कोशिका का निर्माण होता है। इस युग्मनज या जाइगोट में पूरे 46 गुणसूत्र (23 गुणसूत्र शुक्राणु और 23 गुणसूत्र डिम्बाणु) होते हैं। इस युग्मनज या जाइगोट कोशिका का विभाजन दैहिक सूत्रीय विभाजन (mitosis) के द्वारा होता है।
Meiosis Division
Meiosis cell division occurs only in sex-developed – (mature) cells (egg and sperm), these cells are also called sex cells or gametes. These cells have 23 pairs of chromosomes (46 chromosomes). Whenever the process of fertilization starts, the zygote or zygote cell is formed. This zygote or zygote has a total of 46 chromosomes (23 chromosomes sperm and 23 chromosomes egg). The division of this zygote or zygote cell takes place by mitosis.

23) ऊतक (Tissue) –
मानव शरीर में एक समान संरचना तथा एक समान कार्यों वाली कोशिकाओं के समूह को ऊतक (tissue) कहते हैं।
Tissue –
A group of cells with a similar structure and similar functions in the human body is called a tissue.

24. एसीटाबुलम (Acetabulum) –
हिप बोन का एक सॉकेट जिसमें फीमर अस्थि फिट होती हैं।
Acetabulum –
A socket of the hip bone into which the femur bone fits.

25. एण्डोमीट्रियम (Endometrium) –
गर्भाशय की यह आंतरिक परत एक प्रकार की विशिष्ट श्लेष्मिक झिल्ली (mucous membrane) के द्वारा बनी होती है और योनि (vagina) एवं फैलोपियन नलिकाओं की निरन्तरता में रहती है। यह गर्भाशय के भीतर की मायोमीट्रियम के साथ मजबूती से जुड़ी हुई स्तंभाकार उपकला (columnar Epithelium) की बनी 3-4 मिमी मोटी परत होती है, जिससे अनेक श्लेष्मा स्रावी ग्रंथियाँ होती हैं।
Endometrium –
This inner layer of the uterus is formed by a type of special mucous membrane and remains in continuation of the vagina and fallopian tubes. It is a 3-4 mm thick layer of columnar epithelium firmly attached to the inner myometrium of the uterus, from which there are many mucous secretory glands.

26. सूचर्स (Suture) –
कपाल की अस्थियों में पाये जाने वाली अचल संधियों को सूचर्स कहते हैं। ये चार प्रकार के होते हैं- sagittal suture, coronal suture, frontal suture, lamboid suture.
Sutures –
The immovable joints found in the bones of the skull are called sutures. These are of four types- sagittal suture, coronal suture, frontal suture, lamboid suture.

27. ऐच्छिक पेशी (Voluntary Muscle) –
ऐच्छिक पेशी अस्थियों से जुड़ी होती हैं. इसको रेखित पेशी (striated muscle) भी कहते हैं। ये पेशियाँ अनेक तंतुओं (fibers) के समूह से मिलकर बनती हैं जो आपस में संयोजी ऊतकों (connective tissues) द्वारा जुड़ी होती हैं। ये तंतु आकृति में बेलनाकार (cylindrical) होते हैं. इनके सिरे पतले होते हैं।
Voluntary Muscle –
Voluntary muscles are attached to bones. It is also called striated muscle. These muscles are made up of a group of many fibers which are connected to each other by connective tissues. These fibers are cylindrical in shape. Their ends are thin.

28. अनैच्छिक या अरेखित पेशी ( Involuntary Muscles)
इन पेशियों को चिकनी पेशी भी कहते हैं, इन पेशियों में लम्बे तंतु होते हैं, जिसकी कोशिका के मध्य में एक केन्द्रक (nucleus) व कोशिका द्रव्य होता है। इन पेशियों में पट्टी या रेखा नहीं होती है, इसीलिए इन पेशियों को अरेखित पेशी भी कहते हैं, आंतरिक अंगों से जुड़ी होने के कारण इनको अंतरागी पेशी (visceral muscles) भी कहते हैं।
Involuntary Muscles
These muscles are also called smooth muscles, these muscles have long fibers, which have a nucleus and cytoplasm in the middle of the cell. These muscles do not have stripes or lines, that is why these muscles are also called non-striated muscles, due to being attached to the internal organs, they are also called visceral muscles.

29. हार्दिकी पेशी (Cardiac Muscle ) –
यह पेशी केवल हृदय में ही होती है. हृदय की पेशियों का अलग से कोशिकीय तंत्र (cell network) होता है, इसकी कोशिकाएँ ताल-मेल के साथ एक लय (rhythm) में कार्य करती है, जिससे संकुचन (contraction) होता है। इन पेशियों में बिना विश्राम करे हमेशा स्वचालित स्पंद संकुचन (automatic rhythmic contraction) की क्रिया होती रहती है।
Cardiac Muscle –
This muscle is found only in the heart. The muscles of the heart have a separate cell network, its cells work in a rhythm with coordination, causing contraction. In these muscles, there is always an action of automatic rhythmic contraction without resting.

30. कण्डरा या टैन्डन (Tendon) –
कण्डरा एक संयोजी ऊतकों से बनी रस्सीनुमा रचना होती है, जो पेशियों की निरंतरता में, मांसपेशियों को अस्थि से जोड़ते हैं. कण्डरा के आकार चपटे होते हैं जो बंधनी का कार्य करते हैं, ये पेशियों के दोनों सिरों पर बने होते हैं, चमकीले श्वेत, मजबूत कण्डरा (tendon) अस्थियों के अतिरिक्त भी अन्य आतंरिक अंगों को सहारा प्रदान करने में सहायक होते हैं।
Tendon
A tendon is a rope-like structure made of connective tissue that, in continuation of the muscles, connects muscle to bone. Tendons are flattened in shape, which act as ligaments, they are made on both ends of muscles, bright white, strong tendons are helpful in providing support to other internal organs besides bones.

31. प्लाज्मा (Plasma)
रक्त के हल्के पीले रंग के द्रवीय भाग को प्लाज्मा कहते हैं, इसमें लगभग 90% पानी, 7% – प्रोटीन, 3% इलेक्ट्रोलाइट्स (electrocytes), एमीनो अम्ल (amino acids), ग्लूकोज (glucose), एन्जाइम (enzymes), हार्मोन्स (hormones), मेटाबोलिक पदार्थ (metabolic substance) एवं अकार्बनिक पदार्थ पाए जाते हैं। प्लाज्मा में जल शरीर की कोशिकाओं और ऊतकों को गीला बनाए रखता है।
Plasma
The light yellow liquid part of the blood is called plasma, it contains about 90% water, 7% – proteins, 3% electrolytes, amino acids, glucose, enzymes, hormones ( hormones), metabolic substances and inorganic substances are found. The water in plasma keeps the cells and tissues of the body moist.

32. हृदय (Heart)
हृदय रक्त परिवहन संस्थान का प्रमुख अंग हैं, जो खोखला संकुचनशील, चार खंडों वाला, रक्त को अन्दर खींचने तथा धकेलने वाला, बंद मुट्ठी की भाँति आकार वाला पेशियों का बना हुआ एक पम्प है।
Heart
The heart is the main organ of the blood transport system, which is a hollow, contractile, four-chambered, pumping and pumping of blood, a pump made of muscles shaped like a clenched fist.

33. धमनी (Artery) –
शरीर की सभी धमनियों की दीवारें लचीले व मजबूत ऊतकों से बनी होती हैं। ये हृदय से रक्त को कोशिकाओं (capillaries) तक पहुँचाती हैं।
Artery –
The walls of all the arteries of the body are made of flexible and strong tissues. They carry blood from the heart to the capillaries.

34. रक्त परिसंचरण (Blood circulation) –
रक्त शरीर में रक्त वाहिनियों के द्वारा भ्रमण करता है। रक्त वाहिनियों का समस्त शरीर में जाल फैला हुआ होता है. ये सभी रक्तवाहिनियाँ एक-दूसरे से जुड़ी हुई होती हैं। रक्त के शरीर में निरंतर संचरण करने की प्रक्रिया को ही रक्त परिसंचरण कहते हैं।
Blood circulation –
Blood travels through the blood vessels in the body. The network of blood vessels is spread all over the body. All these blood vessels are connected to each other. The process of continuous circulation of blood in the body is called blood circulation.

35. रक्तचाप (Blood pressure) –
रक्तवाहिनियों में परिसंचरण करने वाले रक्त से भित्तियों पर पड़ने वाले दबाव को रक्तचाप कहते हैं। अनेक वाहिनियों में यह दबाव अलग-अलग होता है जो हृदय की धड़कन के साथ बदलता रहता है। धमनी को प्रवाहित करने वाला धमनीय रक्तचाप तथा शिराओं को प्रवाहित होने वाला रक्त शिरीय रक्तचाप कहलाता है।
Blood pressure –
The pressure exerted by the circulating blood on the walls of the blood vessels is called blood pressure. This pressure is different in many vessels, which keeps on changing with the heartbeat. The blood flowing in the arteries is called arterial blood pressure and the blood flowing in the veins is called venous blood pressure.

36. लसीका पर्व (Lymph Nodes) –
ये एक प्रकार की ग्रंथिया होती हैं, जो लसीका प्रणाली की लसिका वाहिनियों में बीच-बीच में अण्डाकार की आकृति के रूप में स्थित रहती हैं। इनके एक तरफ के किनारे पर थोड़ा सा खात (depressed area) होता है जिसको हाइलस (hillus) कहते हैं, इसमें से रक्तवाहिनी या लिम्फ वाहिनी प्रवेश करती हैं अथवा बाहर निकलती हैं। इनके मुख्य वर्ग गर्दन, छाती, बगल, उदर तथा जांघ में स्थित होते हैं।
Lymph Nodes –
These are a type of glands, which are located in the middle of the lymph vessels of the lymphatic system in the form of an oval shape. There is a depressed area on one side of them, which is called hilus, through which blood vessels or lymph vessels enter or exit. Their main sections are located in the neck, chest, armpit, abdomen and thigh.

37. श्वसन संस्थान (Respiratory System)
• श्वसन क्रिया को सम्पूर्ण करने के लिए शरीर के जितने भी अंग निरंतर – कार्यरत रहते हैं सभी के समूह को ‘श्वसन तंत्र’ (respiratory system) कहते हैं।
Respiratory System
• To complete the respiratory function, the group of all the parts of the body that work continuously is called ‘respiratory system.

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38. श्वसन क्रिया (Respiration ) –
एक बार साँस अन्दर लेना तथा एक बार साँस बाहर छोड़ने की ताल बद्ध क्रिया को श्वसन क्रिया (respiration) कहते हैं। श्वसन क्रिया मुख्य रूप से प्रश्वसन एवं निःश्वसन दो प्रक्रियाओं में सम्पन्न होती है।
Respiration –
The rhythmic act of inhaling once and exhaling once is called respiration. Respiration is mainly accomplished in two processes, inhalation and exhalation.

39. लार ग्रन्थियाँ (Salivary glands)
मुख के अन्दर गालों की आंतरिक सतह श्लेष्मिक कला (mucous – membrane) द्वारा रेखित होती है, इसी श्लेष्मिक कला में बारीक लार की ग्रंथियाँ रहती हैं, जिनको कपोल ग्रंथियाँ (buccal glands) भी कहते हैं. इनसे निकलने वाले स्राव को लार (saliva) कहते हैं।
Salivary glands
Inside the mouth, the inner surface of the cheeks is lined by a mucous membrane, in this mucous membrane there are fine salivary glands, which are also called buccal glands. The secretion coming out of them is called saliva.

40. ग्रहणी (Duodenum)
यह लगभग 10 इंच लम्बा सबसे छोटा, सबसे चौड़ा और सबसे मजबूत चिपका हुआ स्थिर छोटी आँत का प्रारम्भिक भाग होता है। आमाशय के पाइलोरिक अंत से ही ड्यूडैनम प्रारम्भ होता है।
Duodenum
It is about 10 inches long, the smallest, widest, and most firmly attached, the initial part of the stationary small intestine. The duodenum starts from the pyloric end of the stomach.

41. मध्यांत्र (Jejunum) –
यह छोटी आँत का द्वितीय भाग होता है, जिसको जैजुनम कहते हैं। इस जैजुनम को रिक्त आँत भी कहते हैं। इसकी लंबाई लगभग 2.5 मीटर होती है। यह कुंडली (coil) तथा छल्लानुमा आकार बनाती है तथा बिना किसी निशान के छोटी आँत के अंतिक भाग इलियम में विलीन होता है।
Jejunum –
This is the second part of the small intestine, which is called the jejunum. This jejunum is also called empty intestine. Its length is about 2.5 meters. It forms a coil and ring shape and merges into the ileum without any trace.

42. शेषान्त्र (lleum) –
यह छोटी आँत का अंतिम भाग होता है यह उदर के निचले भाग में दायीं तरफ जहाँ से बड़ी आँत प्रारम्भ होती है यानि इलियो सीकल वाल्व स्थान पर बड़ी आँत के सीकम से कुछ इंच ऊपर की ओर जुड़ी रहती है। शेषान्त्र पैरिटोनियम की डबल परत मीजेंट्री (mesentery) से उदरगुहा की पश्च भित्ति से जुड़कर लटकी रहती है।
lleum –
It is the last part of the small intestine, it is attached to the cecum of the large intestine a few inches above the place where the large intestine starts, i.e., the ileocecal valve, in the lower part of the abdomen. The ileum hangs from the mesentery by a double layer of peritoneum attached to the posterior wall of the abdominal cavity.

43. चयापचय (Metabolism)
चयापचय का अर्थ है जीवित कोशिकाओं (ऊतकों) में पल-प्रतिपल भौतिक एवं – रासायनिक परिवर्तन की क्रियाओं द्वारा प्रोटोप्लाज्म (protoplasm) का निर्माण व जीवित कोशिकाओं की वृद्धि एवं उनकी टूट-फूट की मरम्मत के लिए ऊर्जा (energy) पैदा करना।
Metabolism
Metabolism means creation of protoplasm by physical and chemical changes in living cells (tissues) and generating energy for the growth of living cells and repair of their wear and tear.

44. बाह्य त्वचा (Epidermis )
यह शरीर की सबसे बाहरी सतही परत (most superficial layer), पारदर्शी एवं जल अभेद्य होती है। जल अभेद्य (water proof) होने के कारण ही शरीर से किसी प्रकार के तन्तु रस का रिसाव बाहर को नहीं हो पाता है। यह स्ट्रेटीफाइड एपीथीलियम (stratified epithelium) की बनी होती है। एपीडर्मिस में रक्त कोशिकाएँ एवं नर्व एन्डिंग (blood vessels and nerve endings) नहीं होती हैं।
Epidermis
It is the outermost superficial layer of the body, transparent and impermeable to water. Due to being water proof, no leakage of any kind of fiber juice from the body can happen outside. It is made up of stratified epithelium. There are no blood vessels and nerve endings in the epidermis.

45. अंतः त्वचा (Dermis or Corium) –
इस त्वचा को असली त्वचा (true skin) भी कहते हैं। यह त्वचा सघन संयोजी ऊतकों (dense connective tissues) द्वारा निर्मित होती है इसमें अत्यधिक तंत्रिका अंत (nerveendings) होते हैं. अत: यह अत्यधिक संवेदी होती है। इसमें कोलेजन रेशे (collagen fibres) होते हैं, जिनसे त्वचा में इलास्टिक तन्तुओं के कारण लचीलापन व मजबूती आती है।
Dermis or Corium –
This skin is also called true skin. This skin is formed by dense connective tissues, it has a lot of nerve endings. Hence it is highly sensitive. It contains collagen fibers, due to which the elastic fibers in the skin bring flexibility and strength.

46. अंतःस्त्रावी ग्रंथियां (Endocrine glands)
मानव शरीर में कुछ ऐसी ग्रंथियाँ होती है जिन्हें अंतःस्रावी ग्रोथ 1 (endocrine glands) कहते हैं जिनमें नलिका नहीं होती है। इन ग्रंथियों से निकलने वाला स्राव सीधा रक्त में मिलता है। और रक्त परिभ्रमण के द्वारा आवश्यक अंगों तक पहुँचकर उनको कार्यान्वित करता है जैसे- पीयूष, थॉयराइड थायमस ग्रंथि।
Endocrine glands
There are some such glands in the human body which are called endocrine glands which do not have ducts. The secretion coming out of these glands is found directly in the blood. And through circulation of blood, it reaches the necessary organs and executes them like- Piyush, thyroid thymus gland.

47. गर्भाशय ( Uterus) –
एक महिला के गर्भाशय की आकृति उल्टी नाशपाती जैसी होती है। यह श्रोणि गुहा में मूत्राशय के पीछे व मलाशय के आगे स्थित होता है, यह एक भ्रूण शिशु को रखने वाला खोखला (cavity) माँसपेशी द्वारा निर्मित स्त्रियों का अंग है।
Uterus –
The shape of a woman’s uterus is like an inverted pear. It is located in the pelvic cavity behind the bladder and in front of the rectum, it is a hollow muscle-formed female organ that holds a fetus.

48. अग्रमस्तिष्क (Forebrain or Cerebrum) –
अग्रमस्तिष्क (forebrain) को प्रमस्तिष्क (cerebrum) भी कहते हैं। यह मस्तिष्क का सबसे बड़ा भाग होता है। यह अंडे के आकार का होता है तथा खोपड़ी के समस्त ऊपरी व अग्र भाग में स्थित होता है। इसकी ऊपरी तथा अंदर की सतह ग्रे मैटर (gray matter) की परतों से बनी होती है, जिसको कॉर्टेक्स (cortex) भी कहते हैं।
Forebrain or Cerebrum –
The forebrain is also called the cerebrum. It is the largest part of the brain. It is egg-shaped and is located in the entire upper and front part of the skull. Its upper and inner surface is made up of layers of gray matter, which is also called cortex.

49. मध्य-मस्तिष्क (Midbrain) –
प्रमस्तिष्क (cerebrum) के दोनों गोलाद्धों के नीचे स्थित पोंस (pons) तथा पश्च मस्तिष्क (hind brain) के बीच में एक डंठल (stem) की भाँति रचना होती है, जो लगभग 3/4 इंच लम्बी होती है. जिसको मध्य-मस्तिष्क (mid-brain) कहते हैं। यह अग्र मस्तिष्क तथा पश्च मस्तिष्क को जोड़ता है।
Midbrain –
Between the pons and the hind brain, located below both the hemispheres of the cerebrum, there is a stem-like structure, which is about 3/4 inch long. Which is called mid-brain. It connects the fore brain and the hind brain.

50. पश्च मस्तिष्क (Cerebellum or Hind brain)
यह मस्तिष्क का निचला भाग होता है जो अग्रमस्तिष्क – (cerebrum) के पश्च खण्ड (occipital lobe) के नीचे स्थित रहता है। इसमें सेतु (pons varoli) तथा सुषुम्ना शीर्ष (upper medulla oblongata) के समावेश से पश्च मस्तिष्क कार्यरत रहता है। उपरोक्त तीनों भागों से मिलकर ही पश्च मस्तिष्क की रचना होती है।
Cerebellum or Hind brain
It is the lower part of the brain which is situated below the occipital lobe of the cerebrum. In this, the hind brain remains active due to the inclusion of pons varoli and upper medulla oblongata. The hind brain is made up of all the above three parts.

51. कपालीय तंत्रिकाएँ (Cranial Nerves) –
मस्तिष्क की आंतरिक सतह के कपालीय आधार (cranial base) के ऊपर-नीचे तथा आगे-पीछे से उत्पन्न होकर ये तंत्रिकाएं एकत्र होते हुए महाछिद्र (foramen) से 12 जोड़ी (pairs) तंत्रिकाओं के रूप में निकलती है, जिनको कपालीय तंत्रिकाएं कहते हैं।
Cranial Nerves –
Originating from the top-bottom and front-back of the cranial base of the inner surface of the brain, these nerves come together from the foramen in the form of 12 pairs of nerves, which are called cranial nerves.

52. आँसू (Tears) –
मनुष्य की आँख 2 से 10 सैकेंड पर झपकती है, जिससे अश्रुग्रोथ उद्दीप्त होकर एक निर्जीवाणुक तरल का स्त्रावण करती है, जिसे आँसू कहते हैं। आँसुओं में जल, लवण, म्यूसिन तथा एक जीवाणु नाशक एंजाइम लाइसोजाइम (lysozyme) होता है।
Tears –
The human eye blinks every 2 to 10 seconds, which stimulates the lacrimal gland to secrete a sterile liquid called tears. Tears contain water, salts, mucin and a bactericidal enzyme, lysozyme.

53. अस्थि मज्जा (Bone Marrow) –
अस्थि की केन्द्रीय मैड्यूलरी नलिका के खाली स्थानों में लाल रक्त कोशिका (R.B.C.) तथा वाहिकामय ऊतक (cellulovascular tissues) रहते हैं, जिनको अस्थि मज्जा (bone marrow) कहते हैं।
Bone Marrow –
Red blood cells (R.B.C.) and cellulovascular tissues remain in the empty spaces of the central medullary canal of the bone, which are called bone marrow.

54. कंठास्थि या हँसुली (Clavicle)
क्लेविकल गर्दन के नीचे स्थित दो अस्थियां होती हैं, एक दाएं एक बाएँ लम्बी सामने से धनुषाकार अथवा अंग्रेजी के ‘S’ अक्षर के समान एवं दो वक्र वाली होती है। इस अस्थि में मज्जा नहीं होती है। इसी अस्थि के द्वारा स्कंध मेखला (shoulder or pectoral girdle) का सामने वाला भाग बनता है। इस अस्थि के दो छोर तथा दो वक्र (double curvature) होते हैं।
Clavicle
There are two bones located below the clavicle neck, one right and one long arched from the front or similar to the letter ‘S’ in English and two curves. There is no marrow in this bone. The front part of the shoulder or pectoral girdle is formed by this bone. This bone has two ends and two curves (double curvature).

55. आकुंचन (Flexion) –
ऐसी गति में भुजा वृक्ष के आगे तथा पीछे एवं पाश्र्वय (laterally) दिशाओं में मुक्त गति से चलती है या भुजा को मोड़ा या झुकाया जाता है।
Flexion –
In such a motion the arm moves freely in the front and back and laterally (laterally) directions of the tree or the arm is bent or bent.

56. प्रसारण (Extension)
आकुंचन के विपरीत प्रसारण में शरीर की मध्य रेखा से दूर कोई अंग या भुजा ले जाना। –
Extension In contrast to contraction, in extension, moving a limb or arm away from the midline of the body.

57. अभिवर्तन (Adduction) –
इस गति में भुजा को शरीर की मध्य रेखा (धड़) की ओर लाना।
Adduction –
In this motion, bring the arm towards the midline of the body (torso).

58. अपवर्तन (Abduction) –
शरीर की मध्य रेखा से किसी अंग को दूर ले जाना या सीधे कोण (right angle) की तरफ ले जाना।
Abduction
To move an organ away from the midline of the body or at a right angle.

59. परिश्रमण (Rotation) – लम्बाई की ओर गति करना।
Rotation – Movement towards length.

60. उच्च विस्तार (Hyperextension) –
शारीरिक रचना की स्थिति से परे विस्तार का जारी रहना।
Hyperextension –
Persistence of extension beyond anatomical position.

61. अंगों की निरंतर गोलाकार गति (Circumduction ) –
विस्तार, मोड़, अपावर्तन और अभिवर्तन का मिश्रण होता है।
Continuous circular movement of organs (Circumduction)
There is a mixture of extension, bend, refraction and refraction.

62. इनवर्जन (Inversion) –
पैरों के तलवों को बाहर की ओर करना ताकि वे एक-दूसरे से सामने हो।
Inversion –
Pointing out the soles of the feet so that they are facing each other.

63. एवर्जन (Eversion) –
पैरों के तलवों को अन्दर की ओर करना ताकि वे एक-दूसरे के सामने हो।
Eversion –
Turning the soles of the feet inwards so that they are facing each other.

64. पीछे की ओर मुड़ना (Dorsiflexion) –
पैरों की पीछे की ओर को मोड़ना ।
Dorsiflexion
Turning the legs backwards.

65. प्रोटेक्शन (Protection) –
निचले जबड़े अथवा कंधे की गर्डिल (shoulder girdle) की धरती के समांतर आगे की ओर गति करना।
Protection –
Forward movement parallel to the ground of the lower jaw or shoulder girdle.

66. रीट्रेक्शन (Retraction) –
निचले जबड़े अथवा शोल्डर गर्डिल की धरती के समानान्तर पीछे की ओर गति करना।
Retraction –
Backward movement parallel to the ground of the lower jaw or shoulder girdle.

67. सुपिनेशन (Supination)
कलाई की गति जिसमें हथेली सामने या ऊपर की ओर मुड़ी होती है।
Supination
A movement of the wrist in which the palm is turned forward or upward.

68. प्रोनेशन (Pronation) –
कलाई की गति जिसमें हथेली पीछे या नीचे की ओर मुड़ी होती है।
Pronation –
A movement of the wrist in which the palm is turned back or down.

69. ऊपर की ओर (Elevation)
शरीर के अंग को ऊपर की ओर उठाना।
Elevation
Raising the body part upwards.

70. नीचे की ओर (Depression) –
शरीर के अंग को नीचे की ओर करना।
Depression
Downward movement of the body part.

71. रीपोजीशन (Reposition) –
इस प्रकार की गति में अंगूठा अपनी सामान्य स्थिति में लौटता है।
Reposition –
In this type of motion the thumb returns to its normal position.

72. संधि या जोड़ (Articulation) –
दो या दो से अधिक अस्थियों के संधिबद्ध (संयोजन) होने को संधि (joint) कहते हैं। । कुछ जोड़ संधिपरक या आर्टिकुलर होते हैं जैसे- कंधे का जोड़ (स्कंधास्थि) यह स्केपुला. क्लेविकल एवं ह्यूमरस अस्थि द्वारा निर्मित संधि होती है। कुछ नॉन- आर्टिकुलर होते हैं जो पेशियों के बीच जोड़ बनाने में सहायक होते हैं उनको नॉन-आर्टिकुलर संधि कहते हैं।
Articulation –
The joining of two or more bones is called a joint. , Some joints are articular or articular, such as the shoulder joint (scapula) and the scapula. Joint formed by clavicle and humerus bone. There are some non-articular joints which help in making joints between the muscles, they are called non-articular joints.

73. कौन्डाइल (Condyle)
इस संधि में उभार बनता है जो अण्डाकार होता है तथा उपास्थि से ढँका रहता है। जैसे- फीमर – अस्थि का स्थूलक (condyle) होता है।
Condyle
A bulge is formed in this joint which is oval and covered with cartilage. For example, femur is the condyle of the bone.

74. शिखर या क्रैस्ट (Crest) –
किसी अस्थि पर बनने वाला उभार या किसी अस्थि के उन्नत (elevated ridge) भाग को क्रैस्ट या शिखर कहते हैं जैसे- टिबिया अस्थि की क्रैस्ट किनार एवं श्रोणि फलक की क्रैस्ट (iliac crest) आदि।
Shikhar or Crest
The bulge formed on a bone or the elevated ridge part of a bone is called crest or crest, such as the crest edge of the tibia bone and the crest of the pelvic blade (iliac crest) etc.

75. फिसर (Fissure). यह दरार फटन होती है।
Fissure. This crack explodes.
76. खात या फौसा (Fossa) –
अस्थि की चपटी सतह पर बने गड्ढे (भैंसे हुए भाग) वाले भाग को खात या फौसा कहते हैं। जैसे- प्रगण्डिका अस्थि (humerus) में बना कोरोनॉइड फौसा (coronoid fossa) तथा औलेक्रेनॉन फौसा (olecranon fossa) होता है।
Fossa
The pit (buffalo part) made on the flat surface of the bone is called a fossa or fossa. For example, humerus bone has coronoid fossa and olecranon fossa.

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77. फौरामैन (Foramen) –
यह एक छिद्र होता है, जिसमें से होकर रक्त वाहिनियाँ, तंत्रिकाएँ तथा स्नायु आदि गुजरते हैं।
Foramen –
It is a hole through which blood vessels, nerves and nerves etc. pass.

78. फलिका या फैसेट (Facet) –
छोटी अस्थि के सिरों को संधिबद्ध या जुड़ने वाली सतह या स्थान पर एक रचना निर्मित होती है उसको फैसेट कहते हैं।
Falika or Facet –
A structure is formed at the surface or place where the ends of the small bone are jointed or joined, it is called a facet.

79. कैपेट या हैड (Head or capet) –
दो अस्थियों के संधि स्थान पर एक गोलाकार उभार बन जाता है जिसको हैड कहते है।
Capet or Head
A circular bulge is formed at the junction of two bones, which is called the head.

80. मीटस (Meatus)
द्वार, मुख, छिद्र या नलिका का मुख (tube like opening) निकास होता है।
Meatus
Door, mouth, hole or tube like opening is the exit.

81. प्रवर्धक (Process) –
किसी अस्थि से बाहर की ओर निकला हुआ भाग या उभार जहाँ पर पेशियाँ जुड़ती हैं, खुरदुरा होता है जैसे- कशेरुका (vertebra) का समतल वाला खुरदुरा भाग होता है।
Amplifier (Process) –
The part that protrudes outward from a bone or the protrusion where the muscles attach is rough, as is the flat rough part of a vertebra.

82. स्पाइन (Spine) –
किसी अस्थि का खुरदरा तथा नुकीला उभार वाला भाग होता है।
Spine –
There is a rough and pointed protruding part of a bone.

83. रंध्रक (Foramen)
रंध्रक प्रत्येक अस्थि में छिद्रों वाला भाग होता है जिनसे होकर पोषण होता है। –
Foramen
Stomach is a part of every bone with holes through which nutrition passes.

84. अस्थि चूलक (Epicondyle)
किसी कोन्डाइल के समीप या ऊपर एक उभार जो सामान्य तौर पर अस्थि बंधन (ligament) को संलग्न रखता है, उसको एपिकॉन्डाइल कहते हैं।
Epicondyle
A protuberance near or above a condyle that normally attaches a ligament is called an epicondyle.

85. खाँच या नॉच (Notch)
किसी भी अस्थि के किनारे पर गहरे, नुकीले (दांतेदार) कटाव को खाँच कहते हैं।.
Notch
A deep, sharp (jagged) cut on the edge of any bone is called a groove.

86. ग्रूव या सल्कस (Groove or Sulcus)
किसी अस्थि की सपाट सतह पर तंग (सँकरे) तथा लम्बाई में बने गड्ढे को ग्रूव कहते हैं।
Groove or Sulcus
A narrow (narrow) and elongated pit on the flat surface of a bone is called a groove.

87. विविर (Sinus) – अस्थि में खोखले भाग को विविर कहते हैं।
Sinus – The hollow part in the bone is called Vivir.

88. ट्रौक्लिया (Trochlea) – अस्थि की गड्ढेदार सतह (groove) को ट्रौक्लिया कहते हैं।
Trochlea – The grooved surface of the bone is called trochlea.
89. ट्यूबरक्ल (Tubercle) – अस्थि पर छोटा उभार गुलिका ट्यूबरकल होता है।
Tubercle – A small bulge on the bone is a tubercle.

90. दण्डाणु (Coci) –
ये गोल एवं अण्डे के आकार के होते हैं। ये विभिन्न रूपों में व्यवस्थित होते हैं। कुछ दण्डाणु ग्राम पॉजिटिव (gram positive) होते हैं तो कुछ ग्राम नेगेटिव (gram negative) होते हैं। 91. गोलाणु (Bacilli) – ये छड़नुमा ( rod or stick shaped) होते हैं। इनमें कुछ प्रकार के गोलाणु (bacilli) की लम्बाई, चौड़ाई बराबर होती है।.
Bacilli (Coci) – They are round and egg shaped. They are arranged in various forms. Some bacteria are gram positive while some are gram negative. 91. Bacilli – They are rod or stick shaped. In these, the length and width of some types of bacilli are equal.

91. स्प्रोचेट्स (Spirochetes) –
ये पतले, लम्बे एवं चक्करदार होते हैं। ये मिट्टी और स्थिर पानी में रहते हैं। ये तीन प्रकार – – ट्रेपोनेमा पैलीडम (Traponema paddidum), बोरेलिया रिकरैन्टिस (Borrelia recurrentis) और लेप्टोस्पाइरा (Leptospira) के होते हैं।
Spirochetes – They are thin, long and spiral. They live in soil and stagnant water. These three types are Treponema paddidum, Borrelia recurrentis and Leptospira.

92. माइकोप्लास्मास् (Mycoplasma) –
ये कोशिका भित्ति रहित (cell wall deficient) होते हैं। इसलिए इनकी संरचना स्थिर (stable) नहीं होती है।
Mycoplasma – They are cell wall deficient. so their
Structure is not stable.

93. ड्रॉपलेट संक्रमण (Droplet Infection) –
सूक्ष्म संक्रमित कणों द्वारा जैसे- नाक से छींकने द्वारा, मुख से थूकने द्वारा फैलने वाला संक्रमण।
Droplet Infection –
Infection spread by microscopic infected particles such as by sneezing from the nose, spitting from the mouth.

94. प्राथमिक संक्रमण (Primary infection) –
एक स्वस्थ व्यक्ति में उत्पन्न होने वाला संक्रमण प्राथमिक संक्रमण है।
Primary infection –
Primary infection is an infection that occurs in a healthy person.

95. द्वितीयक संक्रमण (Secondary infection) –
जब कोई नया सूक्ष्मजीव ऐसे व्यक्ति में प्रविष्ट होकर संक्रमण उत्पन्न करता है जिसमें पहले से विद्यमान किसी संक्रमण से प्रतिरोधक शक्ति कम हो गई हो, ऐसा संक्रमण द्वितीयक संक्रमण कहलाता है।
Secondary infection –
When a new microorganism enters and causes an infection in a person whose immunity has been reduced by a pre-existing infection, such an infection is called a secondary infection.

96. पुनसंक्रमण (Re-infection) –
किसी सूक्ष्म जीव द्वारा व्यक्ति में संक्रमण पैदा होने के बाद पुन: उसी सूक्ष्मजीव द्वारा उसी व्यक्ति में संक्रमण पैदा करना ।
Re-infection
After causing infection in a person by a micro-organism, again causing infection in the same person by the same micro-organism.

97. तीव्र संक्रमण (Acute infection) तुरन्त ही उत्पन्न होने वाला तथा कुछ हर समय के लिए रहने वाला संक्रमण – इसके लक्षण बहुत गम्भीर होते है, जैसे- तीव्र, उण्डुकपुच्छ शोथ (acute appendicitis) आदि।
Acute infection is an infection that occurs immediately and some remain for all time – its symptoms are very serious, such as acute appendicitis, etc.

98. जीर्ण संक्रमण (Chronic infection) –
यह संक्रमण धीरे-धीरे उत्पन्न होता है और धीरे-धीरे बढ़कर बहुत दिनों तक रहता है, जैसे क्षयरोग।
Chronic infection –
This infection arises slowly and gradually increases and lasts for many days, like tuberculosis.

99. गर्म वायु भट्टी (Hot Air Oven) –
यह विसंक्रमण का एक बहुत प्रभावशाली तरीका है इसमें विसंक्रमण के लिए 160°C तापमान तथा एक घंटा की आवश्यकता होती है। इस विधि के द्वारा काँच की syringe, test tube, flask, pipette, scissors, powder liquid paraffin आदि का विसंक्रमण किया जाता है। इसमें एक पंखा लगा रहता है। जो बराबर रूप से गर्म वायु का संचार करता है।
Hot Air Oven –
This is a very efficient method of sterilization. It requires a temperature of 160°C and one hour for sterilization. Glass syringe, test tube, flask, pipette, scissors, powder liquid paraffin etc. are sterilized by this method. There is a fan attached to it. Which circulates hot air evenly.

100) निर्जीवीकरण (Pasteurization) –
यह दूध की ऊष्मा उपचार की विधि है जिससे रोग कारक bacteria को नष्ट किया जाता है।
Pasteurization –
It is a method of heat treatment of milk by which disease causing bacteria are destroyed.

101) ऑटोक्लेविंग (Autoclaving) –
इस विधि में अधिक दाब, उच्च ताप व आर्द्रता का प्रयोग किया जाता है, जिससे विसंक्रमण के लिए आवश्यक तापमान बना रहे एवं autoclave में पैक की गयी वस्तुओं का शीघ्रता से भेदन हो सके।
Autoclaving –
In this method, high pressure, high temperature and humidity are used, so that the required temperature for sterilization is maintained and the items packed in the autoclave can be penetrated quickly.
102. जीवाणु रहित प्रतिरोधी (Antiseptic) –
यह रासायनिक पदार्थ का जल मिश्रित /पतला विलयन होता है। यह विलयन • (solution) सूक्ष्मजीवों की वृद्धि एवं बहुगुणन को रोकता है।
. Antiseptic –
It is a water mixed/diluted solution of a chemical substance. This solution prevents the growth and multiplication of microorganisms.

103. विसंदूषक (Decontaminate) –
ऐसे रासायनिक पदार्थ रोग उत्पन्न करने वाले सूक्ष्मजीवों, विषैले रसायनों और वातावरण के अन्य हानिकारक कारकों को निष्क्रिय और नष्ट करते हैं।
Decontaminate –
Such chemical substances deactivate and destroy disease-causing microorganisms, toxic chemicals and other harmful factors in the environment.

104.) एन्टिबायोटिक (Antibiotic) –
सूक्ष्मजीवों को नष्ट करने तथा उनकी वृद्धि को रोकने वाली प्रतिसूक्ष्मजीवी को एन्टिबायोटिक्स कहा जाता है।
Antibiotic –
Antimicrobials that destroy microorganisms and stop their growth are called antibiotics.

105. फार्मेल्डिहाइड गैस (Formaldehyde gas ) –
यह जीवाणुओं के वर्धित रूपों, कवकों एवं विषाणुओं के प्रति प्रभावकारी है।
Formaldehyde gas –
It is effective against increased forms of bacteria, fungi and viruses.

106. क्लोरीन गैस (Chlorine gas) – यह जल को विसंक्रमित करने के लिए प्रयोग में लाई जाती है।
Chlorine gas – It is used to disinfect water.

107. सूक्ष्मजीव विज्ञान (Microbiology) –
1 मिमी. से छोटे जीव को सूक्ष्मजीव या जीवाणु कहते हैं और इस क्रिया-पद्धति को सूक्ष्म जीव या जीवाणु विज्ञान (Bacteriology या Microbiology) कहा जाता है। इन जीवाणुओं को नग्न आँखों से नहीं देखा जा सकता, बल्कि इन्हें देखने के लिए सूक्ष्मदर्शी (microscope) का इस्तेमाल किया जाता है।
Microbiology –
1 mm Organisms smaller than this are called microorganism or bacteria and this mechanism is called microorganism or microbiology. These bacteria cannot be seen with the naked eye, rather a microscope is used to see them.

108. सूक्ष्मजीव (Microorganism) –
सूक्ष्मजीव, ऐसे जीव होते हैं, जिन्हें नग्न आँखों से नहीं देखा जा सकता, किसी उपकरण. विशेष तथा सूक्ष्मदर्शी (microscope) से ही देखा जा सकता है। ये । मिमी से छोटे या 1 मिमी. के हज़ारवें भाग तक के आकार के होते हैं।
Microorganism –
Microorganisms are organisms that cannot be seen with the naked eye. Special and can be seen only with a microscope. These . mm or less than 1 mm. There are sizes up to one thousandth of an inch.

(109) विसंक्रमण (Disinfection) –
सूक्ष्म जीवों अथवा उनके जीव विषों को शरीर से बाहर भौतिक एवं रासायनिक पदार्थों के उपयोग द्वारा नष्ट करने की प्रक्रिया विसंक्रमण कहलाती है। ये पदार्थ क्षयकारी एवं विषैले होते हैं, इसलिए इनका ऊतकों पर प्रयोग नहीं किया जा सकता है इनका उपयोग जीवहीन सतहों पर होता है।
Disinfection –
The process of destroying micro-organisms or their toxins outside the body by using physical and chemical substances is called disinfection. These substances are corrosive and toxic, so they cannot be used on tissues, they are used on non-living surfaces.

(110) कीटाणुनाशन (Sterilization) –
कीटाणुनाशन का अर्थ है, सतह एवं वस्तुओं से सभी प्रकार के सूक्ष्म जीवाणुओं (microorganism) जो हानिकारक है या नहीं भी हैं, को मार देना। कीटाणुनाशन द्वारा खाना, दवाई, शल्यचिकित्सा में प्रयोग होने वाले औज़ार (surgical instrument) को भी विसंदूषित (decontaminate) कर सकते हैं।
Sterilization –
Disinfection means the killing of all types of microorganism, whether harmful or not, from surfaces and objects. Food, medicine, surgical instruments can also be decontaminated by disinfection.

111) प्रतिरक्षा (Immunity) –
शरीर के रोग उत्पन्न करने वाले कारकों अर्थात् एन्टीजन्स को पहचानने तथा नष्ट करने की क्षमता ही रोग प्रतिरोधकता या प्रतिरक्षा (immunity) कहलाती है अर्थात् रोग प्रतिरोधक क्षमता वह क्षमता है जो व्यक्ति को रोगों से बचाती है।
Immunity –
The body’s ability to recognize and destroy disease-causing factors, ie antigens, is called immunity, that is, immunity is the ability that protects a person from diseases.

(112. रोगजनक (Pathogen) –
ऐसे बैक्टीरिया, जीवाणु एवं अन्य सूक्ष्मजीव जो रोगों को जन्म देते हैं रोगजनक कहलाते हैं।
Pathogen –
Such bacteria, bacteria and other microorganisms that give rise to diseases are called pathogens.

113. कीटाणुनाशक (Disinfectant) – वे रासायनिक पदार्थ जो कीटाणुनाशन में बैक्टीरिया आदि को मारने के लिए उपयोग किए जाते हैं डिसइन्फेक्टेन्ट कहलाते हैं।
Disinfectant – Those chemical substances which are used in disinfection to kill bacteria etc. are called disinfectants.

114) जोड़ या संधि (Joints or Articulations)
मानव कंकाल की भिन्न अस्थियाँ एवं उपास्थियाँ आपस में जब लिगामेंट्स (ligament) द्वारा एक स्थान पर बँधते हैं या सम्बद्ध होते हैं, तो उस बंधन व स्थान को संधि या जोड़ कहते हैं।
Joints or Articulations
When different bones and cartilages of the human skeleton are bound or connected at one place by ligaments, then that bond and place is called a joint.

115.) मेनिनजीस (Meninges) –
यह एक प्रकार की सुरक्षात्मक झिल्लियाँ होती हैं जो मस्तिष्क एवं स्पाइनल कॉर्ड को – ढँकती हैं। मेनिनजीस मस्तिष्क व सुषुम्ना को सुरक्षित रखती हैं।
Meninges –
It is a kind of protective membranes that cover the brain and spinal cord. The meninges protect the brain and spinal cord.

116.) निषेचन (Fertilization) –
महिला के डिम्ब (ovum) का पुरुष के शुक्राणु (sperm) के साथ होने वाले संयोग को निषेचन या गर्भाधान कहते हैं।
Fertilization –
The union of a female’s ovum with a male’s sperm is called fertilization or conception.

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